सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों ने एक बार फिर से भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत का प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष 2024 की आखिरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 फीसदी की दर से बढ़ा है। एक साल पहले इसी अवधि में यह रफ्तार 6.2 प्रतिशत की रही थी।
हालांकि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तुलना में मार्च तिमाही की वृद्धि रफ्तार में नरमी आई है। दिसंबर तिमाही में देश की इकोनॉमी 8.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। आर्थिक
मोर्चे पर भारत के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी चीन की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 5.3 प्रतिशत रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत रही जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह सात प्रतिशत रही थी।
पावर और स्टील प्रोडक्शन में ग्रोथ
पावर और स्टील प्रोडक्शन में ग्रोथ की वजह से भारत के कोर सेक्टर के आंकड़ों में सुधार हुआ है। कोर सेक्टर के आठ प्रमुख क्षेत्रों ने अप्रैल में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्जकी। इस महीने में कोल प्रोडक्शन 7.5 प्रतिशत जबकि पावर प्रोडक्शन 9.4 प्रतिशत रहा। मार्च में कोल प्रोडक्शन 8.7 प्रतिशत और पावर प्रोडक्शन 8.6 प्रतिशत बढ़ा। आपको बता दें कि आठ प्रमुख क्षेत्रों में कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस, बिजली, रिफाइनरी उत्पाद, स्टील, सीमेंट और उर्वरक शामिल हैं।
मार्च में स्टील प्रोडक्शन सालाना आधार पर 7.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक महीने पहले इसमें 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अप्रैल में प्राकृतिक गैस
उत्पादन में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले महीने इसमें 6.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
शेयर बाजार में तेजी
जीडीपी आंकड़ों से पहले भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखी गई। स्थानीय शेयर बाजारों में पिछले पांच दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को थम गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 75.71 अंक यानी 0.10 प्रतिशत बढ़कर 73,961.31 पर बंद हुआ। निफ्टी भी गिरावट के दौर से उबरने में सफल रहा और 42.05 अंक यानी 0.19 प्रतिशत बढ़कर 22,530.70 अंक पर बंद हुआ।