दिल्ली और एनसीआर में जिल्लत की जिंदगी से मुक्त हुई झारखंड की बेटियां

नई दिल्ली/रांची : दिल्ली और एनसीआर में झारखंड की गरीब महिलाएं, बहनें और बेटियां तो गयी थी काम के सिलसिले में, लेकिन उनके शोषण की कहानी जब कमरे से बाहर निकली तो कई चौंक पड़े। हमारी झारखंड की ये बहनें प्लेसमेंट एजेंसियों और अन्य दलालों के चक्रव्यूह में फंस गयी थीं। मिनट और पल उन्हें वर्ष के गुजर जाने जैसा भारी पड़ रहा था।

टॉल फ्री नम्बर – 10582 पर करें शिकायत : डीके तिवारी

बहरहाल भारतीय प्रशानिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और झारखंड भवन में प्रधान स्थानिक आयुक्त डॉ डीके तिवारी ने कहा कि कुकृत्य के खिलाफ झारखंड सरकार की दिल्ली में यह मुहिम चलती रहेगी। उन्होंने जानकारी दी कि एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, (झारखण्ड भवन, नई दिल्ली) ने एक टॉल फ्री नंबर -10582 भी जारी किया है, जिसपर इस विषय से सम्बंधित शिकायत की जा सकती है। यह नंबर टॉल फ्री और 24 घंटे चालू है।

जुल्म की इंतहा हो गयी थी। गरीबी और बेबसी के सामने सपने तो शीशे की तरह टूट चुके थे। दलालों के चंगुल में फंसने के बाद सपने देखना भी किसी गुनाह से कम नहीं था। लेकिन दिल्ली में झारखंड के अफसरों ने उनकी चीख सुनी। नयी दिल्ली स्थित झारखंड भवन के एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के प्रयासों से 29 महिलाओं, किशोरियों और बच्चियों को उनके चंगुल से मुक्त कराने में सफलता मिली। हालांकि कई बहनें अब भी वहां गुमनामी में जिल्लत की जिंदगी जीने को मजबूर है। उनकी आवाज सुनी जानी बाकी है।

 

पीड़ितों का संबंध झारखंड के विभिन्न जिलों से है : भाटिया

झारखण्ड सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामजिक सुरक्षा विभाग के प्रधान सचिव मुखमीत सिंह भाटिया ने जानकारी दी कि पीड़िता महिलाओं का सम्बन्ध झारखण्ड राज्य के अलग-अलग जिलों से है। जिन्हें उनके घर या परिजनों के पास पंहुचा कर उनके भावी भविष्य के लिए झारखण्ड राज्य महिला बाल विकास, सामाजिक सुरक्षा विभाग अपनी योजनाओं से सहायता प्रदान करेगा।

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