मातृभाषा दिवस 21 फरवरी पर विशेष  ः इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल

● अगले 50 सालो में ख़त्म हो जाएंगी झारखंड की 8 आदिवासी व सदानी भाषाएं   ♦डॉ.बीरेन्द्र कुमार महतो ♦ असिस्टेंट प्रोफेसर यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ टीआरएल रांची विश्वविद्यालय, रांची, झारखंड लम्बे संघर्ष के पश्चात झारखंड राज्य तो […]

14 अगस्त पुण्यतिथि पर विशेष: झारखंड के साहित्य, इतिहास और आंदोलन के अहम हस्ताक्षर थे डॉ बीपी केशरी

डॉ. बी.पी. केशरी एक असाधारण व्यक्तित्व को अपने में आत्मसात किये हुए थे। वे बाहर से जितने सहज सरल और सादगी से परिपूर्ण थे अंदर से वैसे ही ज्ञान के भंडार थे। वे साथ ही […]

श्रद्धांजलि: डॉ गिरिधारी राम गौंझू – ‘अखरा निंदाय गेलक’

♦PUSHKAR MAHTO/Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦ झारखंड के प्रमुख रचनाकारों में डॉ गिरिधारी राम गौंझू गिरिराज का नाम प्रकाशपुंज नक्षत्र की तरह चमकता था। वह हिंदी और नागपुरी भाषा के मर्मज्ञ थे। उनकी रचनाओं में झारखंड […]

मजदूर दिवस पर विशेष : शहरी क्षेत्रों में दिव्यांग श्रमिकों से जुड़ी चुनौतियां

♦बीरेन्द्र कुमार महतो♦ संपादक, ‘गोतिया’ आर्थिक उदारीकरण के बाद वैश्विक स्तर पर मजदूरों को मिलनेवाले कामों में बढ़ोतरी हुई है। सीमा पार से बड़े पैमाने पर पूँजी, औद्योगिक तकनीक व सूचनाओं का आगमन संभव हो […]

छत्तीसगढ़ के जंगलों में कबतक बहेगा जवानों का खून?

♦हिमांशु शेखर♦ छत्तीसगढ़ के जंगलों में देश के जवानों का खून आखिर कबतक बहता रहेगा? सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के बुरकापाल गांव में तीन सौ नक्सली घात लगा कर बैठे थे,लेकिन हमारी व्यवस्था […]

जलवायु परिवर्तन की चुनौती और भारत की पहल

♦पांडुरंग हेगड़े♦ संयुक्त राष्ट्र 22 अप्रैल को एक विशेष दिवस के रूप में पृथ्वी मातृ दिवस मनाता है। 1970 में 10000 लोगों के साथ प्रारंभ किये गये इस दिवस को आज 192 देशों के एक […]

मानसून − समृद्धि का ही नहीं, संस्कृति का भी सूचक

   •मंजू चौहान • देश में मानसून का सीजन चार महीनों का होता है। मानसून जून में शुरू होता है और सितंबर तक सक्रिय रहता है। दीर्घावधि पूर्वानुमान के दौरान मौसम विभाग कई पैमानों का […]

झारखंड में उच्च शिक्षा की बदहाली, जिम्मेवार कौन

• बीरेन्द्र कुमार महतो • उच्च शिक्षा का अर्थ है सामान्य रूप से सबको दी जानेवाली शिक्षा से ऊपर किसी विशेष विषय या विषयों में विशेष, विशद तथा सूक्ष्म शिक्षा। यह शिक्षा के उस स्तर […]

‘उर्दू शेरो अदब का उभरता एक छोटा मरकज……रांची’

•एमजेड खान • अतीत में दिल्ली,लखनऊ,अजीमाबाद,दक्कन और पंजाब उर्दू अदब के पांच बड़े दबिस्तानों में शुमार किये जाते थे। अब ये मरकज बिखर गए हैं और छोटे छोटे शहरों को उर्दू अदब के मरकज की […]

डिजिटल भुगतान आंदोलन के दौर से गुजर रहा है भारत

•अमिताभ कांत• भारत डिजिटल भुगतान और लेस-कैश अर्थव्यवस्था के लिए एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। यह देखते हुए कि हमारी जनसंख्या का कुछ प्रतिशत हिस्सा ही कर का भुगतान करता है, इसलिए […]