रांची : झारखंड विधानसभा से जीएसटी बिल गुरुवार को पारित हो गया। इसके लिए एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया था, जहां झारखंड माल एवं सेवा कर विधेयक- 2017 को मंजूरी दे दी गयी। राज्य सरकार में मंत्री सीपी ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि लोकसभा व राज्यसभा से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को पारित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अब अलग-अलग टैक्स से सभी को मुक्ति मिल जाएगी। कर निर्धारण के लिए केन्द्र की ओर से एक परिषद का गठन किया गया है। परिषद में सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि काफी विचार के बाद कर को न्यूनतम रखने का निर्णय लिया गया है, जबकि पेट्रोलियम सहित कतिपय अन्य वस्तुओं को पांच वर्षों के लिए जीएसटी से मुक्त रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब बीस लाख रुपये तक का वार्षिक कारोबार करने वाले लघु कारोबारियों को निबंधन कराने की आवश्यता नहीं होगी, जबकि पचास लाख रुपये तक के कारोबार करने वाले कारोबारियों को इससे फायदा पहुंचेगा।
इसी दौरान विपक्ष की ओर से हो-हंगामा होने लगा। झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने रघुवर सरकार पर आरोप लगाया कि वह पूरी शक्ति केन्द्र को देने जा रही है। उन्होंने का कि जीएसटी से फायद किसको होगा, यह सरकार बताये। सरकार की गंभीरता का पता इसी से चलता है कि बिल की कॉपी एक दिन पहले सदस्यों को दी गयी है। पन्ने से लेकर छपाई तक में दोष हैं। स्टीफन मरांडी की ओर से विधेयक में संशोधन के दो प्रस्ताव भी दिये गये थे, विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे संशोधन प्रस्ताव को सभा पटल पर रखने के लिए कहा। शोरगुल की वजह से स्टीफन मरांडी संशोधन प्रस्ताव को नहीं रख सके। अंततः सदन ने झारखंड माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।