रांची : झारखंड रांची व कोल्हान सहित अलग-अलग हिस्से में जनजातीय युवतियां और महिलाओं ने आज ‘जनी शिकार’ पर्व मनाया । वे शहरों में शिकार के लिए सड़कों पर उतरीं तो ग्रामीण क्षेत्रों में जंगल में ‘जनी शिकार’ किया गया। कई जानवरों का शिकार कर वह अपने साथ ले गयीं। हालांकि वन विभाग की ओर से भी ‘जनी शिकार’ से निबटने और जानवरों को बचाने की पूरी कोशिश की गयी। इस कोशिश में उन्हें सफलता भी हाथ लगी। ‘जनी शिकार’ प्रत्येक 12 वर्ष पर आता है। ‘जनी शिकार’ पर्व में महिलाएं तीर-धनुष, लाठी, फरसा और अन्य परंपरागत हथियारों से लैस होकर जंगली जानवरों व पक्षियों का शिकार करती हैं।