रांची : मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि जंगली जानवरों से हुई फसलों एवं मकानों की क्षति में अब पीड़ितों को मुआवजे की राशि और अधिक दी जायेगी। उन्होंने इस के लिए पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि क्षति की मुआवजे की वर्तमान दर को संशोधित कर पुनरीक्षित दर को लागू करें। पुनरीक्षित दर के अनुसार प्रति हेक्टेयर क्षतिग्रस्त फसल के लिए मुआवजे की दर अब 20हजार-40हजार (अधिकतम) होगी। पहले यह दर 10हजार-25हजार (अधिकतम) थी। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त कच्चा एवं पक्का मकान के लिए मुआवजे की दर को क्रमशः 75 हजार एवं 30 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 20 हजार किया जाए। गंभीर रूप् से जख्मी होने पर मुआवजे की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख तथा गंभीर रूप से घायल नहीं होने पर 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार पीड़ित को दिये जाएंगे। मुख्यमंत्री आज झारखण्ड मंत्रालय में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में जानवरों से हुई क्षति से संबंधित अन्य मुआवजों के पुनरीक्षित दरों को भी लागू करने का आदेश दिया गया।
बैठक में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव श्री सुखदेव सिंह ने जानकारी दी कि झारखण्ड का 29.50 प्रतिशत क्षेत्र (23478 वर्ग कि0मी0 क्षेत्र) वनाच्छादित है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 407.31 करोड़ बजट उपबंध के विरूद्ध 154.94 करोड़ की स्वीकृति देते हुए राशि आवंटित की जा चुकी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 339.25 लाख पौधरोपण का लक्ष्य है। साहेबगंज के माण्ड्रो में जीवाश्म के संरक्षण हेतु प्रस्तावित जीवाश्म पार्क के लिए 1859.68 लाख का डीपीआर तैयार किया जा चुका है। बिरसा जैविक उद्यान में 3.64 करोड़ की लागत से 3300 वर्ग मीटर क्षेत्र को मछली घर के रूप में विकसित किया गया है।
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री चंद्रप्रकाश चौधरी, मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव श्री अमित खरे, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुनील कुमार बर्णवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।