नई दिल्ली : इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) भारतीय नागरिक और इंडियन नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मौत की सजा मामले में 15 मई को सुनवाई करेगा। पाकिस्तान की सैन्य अदालत कुलभूषण को मौत की सजा सुना चुकी है। हालांकि इस सजा पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने 9 मई को रोक लगा दी है। दूसरी ओर कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगवाने के लिए भारत के इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) पहुंचने के बाद पाकिस्तान को अपने रुख पर कायम रहना मुश्किल हो गया है और वह भारत के रूख से पूरी तरह भौंचक है। इस घटनाक्रम के सामने आने के तत्काल बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारतीय नागरिक आईसीजे के आदेश पर चर्चा की. समाचार चौनल जियो न्यूज के अनुसार दोनों की मुलाकात करीब 90 मिनट तक चली और इस दौरान शरीफ ने जाधव के मामले के संदर्भ में ताजा हालात पर जानकारी दी। पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने के संदर्भ में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के अधिकार क्षेत्र का विश्लेषण कर रहा है।
गौरतलब है कि हालैंड के हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत ने वियना संधि को ध्यान रखते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगाने के लिए आवेदन दिया था। 9 मई को इंटरनेशल कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाई। भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया। मार्च में पाकिस्तान आर्मी ने जाधव को बलूचिस्तान इलाके से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार करने का दावा किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसने उच्चायोग संपर्क (काउंसलर एक्सेस) के लिए 16 बार अनुरोध किया, लेकिन इसे इनकार कर दिया गया। हमने मौखिक और लिखित में कई बार जाधव मामले में चलाई गई प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन पाकिस्तान की ओर से इस मामले के दस्तावेजों से जुड़ी हमारी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।