अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि खतरों से निबटने के लिए वह भारत के साथ खड़ा है। इस दौरान उन्होंने गलवान का भी जिक्र किया। इससे पहले भारत और अमेरिका ने नई दिल्ली में आयोजित तीसरी ‘2+2’ मंत्री स्तरीय बैठक में सोमवार को BECA समझौते (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के बाद भारत-अमेरिका के बीच सूचनाओं को आसानी से साझा किया जा सकेगा। बैठक के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह ने संयुक्त बयान जारी किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि बैठक में दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की है और बीईसीए समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, माइक पोम्पिओ ने जून महीने में हुई गलवान घाटी में हिंसा का भी जिक्र किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”अमेरिका के साथ सैन्य स्तर का हमारा सहयोग बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है, रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की गई है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए फिर से अपनी प्रतिबद्धता जताते हैं।”
संयुक्त बयान के दौरान अमेरिका ने चीन पर निशाना साधा। गलवान का जिक्र करते हुए माइक पोम्पिओ ने कहा कि हमने नेशनल वॉर मेमोरियल का दौरा किया, जहां भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवान भी शामिल थे। उन्होंने आगे कहा कि कहा कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है क्योंकि दोनों संप्रभुता, लिबर्टी के खतरों का सामना कर रहे हैं। माइक पोम्पिओ ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे नेता और जनता स्पष्ट तौर पर देख रही है कि चीन की कम्युनिष्ट पार्टी लोकतंत्र, कानून और पारदर्शिता को नहीं मानती है।
‘टू प्लस टू वार्ता’ के बाद संयुक्त बयान जारी करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा तालमेल में वृद्धि हुई है, हिन्द-प्रशांत हमारी चर्चा का एक केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक में हुई चर्चा के दौरान हमारे पड़ोसी देशों को लेकर भी जिक्र किया गया। हमने स्पष्ट किया कि सीमा पार आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य है।