झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने कहा- महिला या बच्ची से अपराध होने पर जो पुलिस अधिकारी मामले को दबाने, समझौता कराने की कोशिश करेंगे, उनपर भी कानून सम्मत कार्रवाई होगी और उन पर प्राथमिकी दर्ज होगी।
♦लहर न्यूज संवाददाता ♦
रांची: झारखंड में महिला और बच्चियों की सुरक्षा के लिए झारखंड पुलिस एक अहम कदम उठाने जा रही है। झारखंड के 300 थानों में 300 महिला हेल्पडेस्क बनाया जाएगा। महिला सुरक्षा के लिए उठाये गये इस कदम को निर्भया फंड से जमीन पर उतारने की तैयारी की जा रही है। झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने खुद इसकी जानकारी प्रेसवार्ता में मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि महिला या बच्ची से अपराध होने पर जो पुलिस अधिकारी मामले को दबाने, समझौता कराने की कोशिश करेंगे, उनपर भी कानून सम्मत कार्रवाई होगी और उन पर प्राथमिकी दर्ज होगी।
महिला या बच्ची का शव मिला एसपी पहुंचेंगे
कहीं भी महिला या बच्ची का शव मिलेगा तो वहां एसपी स्वयं जाएंगे। उसमें गिरफ्तारी से सजा तक की पूरी मॉनिटरिंग एसपी की होगी। चूक के लिए उनपर कार्रवाई भी होगी। अगले माह एक नवंबर से गांजा, हेरोइन ड्रग्स के खिलाफ अभियान तेज होगा। इस मौके पर डीजी मुख्यालय अजय कुमार सिंह और आइजी ऑपरेशन साकेत कुमार सिंह भी मौजूद थे।
तेज रफ्तार बाइक पर पुलिस की नजर
डीजीपी राव ने कहा- तेज रफ्तार बाइक चलाने, साइलेंसर मॉडिफाई कर बाइक चलाने वालों की गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को समझाएं नहीं तो वे जेल जाएंगे और गाड़ी भी जब्त होगी।
अवैध शराब मामले में थानेदार होंगे जिम्मेवार
अवैध शराब निर्माण की जानकारी मिलने पर संबंधित थानेदार जवाबदेह होंगे। सड़क पर गुंडई, फायरिंग होगी तो डीएसपी को जवाब देना होगा। इसके अलावा विधि-व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाये रखने के लिए और कई कदम उठाये जा रहे हैं।