♦डाॅ बीरेन्द्र कुमार महतो ♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की आज रांची के करम टोली स्थित केंद्रीय कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में 11 सूत्री मांगपत्र को सभी की सहमति से पारित किया गया। समीक्षा बैठक में झारखंड के प्रत्येक जिले के झारखंड आंदोलनकारी शामिल हुए। बैठक में जमशेदपुर से झारखंड आंदोलनकारी संजय लाकड़ा के जान माल की सुरक्षा की मांग की गई।
झारखंड आंदोलनकारियों ने कहा, राज्य सरकार को झारखंड आंदोलनकारियों के मामले में स्वत संज्ञान लेनी चाहिए। बैठक में आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार में बैठे अधिकारी पदाधिकारी राज्य सरकार को झारखंड आंदोलनकारियों के मामले में गुमराह कर रहे हैं, जिसके कारण पूरे राज्य में झारखंड आंदोलनकारियों के बीच आक्रोश पनप रहा है। यह आक्रोश आने वाले समय में विस्फोटक हो सकता है।
हरदिन मर रहे हैं झारखंड आंदोलनकारी: डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा, झारखंड आंदोलनकारी गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। इसे सरकार झारखंड आंदोलनकारियों की कमजोरी ना समझें। प्रत्येक दिन झारखंड आंदोलनकारी मर रहे हैं उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है आज हमारे बीच करो या मरो की स्थिति है। ऐसे में सरकार को स्वयं तय करना होगा कि झारखंड आंदोलनकारियों के मामले में क्या करना है या नहीं करना है।
संघर्ष के लिए तैयार रहें आंदोलनकारी: राजू महतो
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा ,झारखंड आंदोलनकारियों के लिए यह शर्मनाक स्थिति है कि राज्य में आंदोलनकारियों की पार्टी की सरकार है और अपनी ही सरकार में उन्हें विवश किया जा रहा है। उन्हें उचित मान-सम्मान पेंशन देने में सरकार कोताही बरत रही है। यह सबसे शर्मनाक स्थिति है। झारखंड आंदोलनकारी आज की तारीख में एक उलगुलान के लिए पूरी तरह तैयार हैं। संघर्ष का बिगुल शीघ्र फूंका जाएगा इसके लिए झारखंड आंदोलनकारी घर-घर तैयारियां शुरू करें।
सरकार को ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं आंदोलनकारी: अजीत मिंज
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रधान सचिव अजीत मिंज ने कहा , झारखंड सरकार आंदोलनकारियों की ताकत देखना चाहती है। हम इसके लिए तैयार हैं। 50,000 झारखंड आंदोलनकारी रांची में जुड़ेंगे और अपने मान-सम्मान, अस्तित्व की रक्षा एवं पेंशन के लिए सरकार के खिलाफ शंखनाद करेंगे।
धैर्य की परीक्षा न ले सरकार: अश्विनी कुजूर
उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर ने कहा, राज्य सरकार झारखंड आंदोलनकारियों के धैर्य की परीक्षा न ले। आज झारखंड आंदोलनकारी अपने मान-सम्मान, पेंशनर व राजकीय सम्मान के लिए सड़क से लेकर राज्य के सर्वोच्च पंचायत तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। हम लोगों ने इसकी पृष्ठभूमि तैयार कर ली है। सिर्फ हुल-उलगुलान की घोषणा करने की देर है।
आंदोलनकारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं: आजम अहमद
मोर्चा के वित्त अध्यक्ष आजम अहमद ने कहा, आन्दोलनकारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आज झारखंड बना है और झारखंड में राज कर रहें हैं तो यह यहाँ के आन्दोलनकारियों के द्वारा दी गयी कुर्बानियों का ही प्रतिफल है। हम आंदोलनकारियों का अस्तित्व खतरे में है इस लिए अब हम पुनः सरकार के विरुद्ध एक आंदोलन करेंगे।
इन्होंने भी रखे विचार
समीक्षा बैठक में प्रफुल्ल तत्वा, दिवाकर साहू, राजकमल महतो, गैब्रियल खाखा, डॉ प्रणव कुमार बब्बू, किशोर किस्कु, विश्वजीत प्रामाणिक, लखन महतो, बीरेन्द्र ठाकुर, श्वेता मुखर्जी ने भी अपनी अपनी बातें रखीं। आन्दोलनकारियों का स्वागत अमित खलखो ,संचालन पुष्कर महतो व धन्यवाद ज्ञापन शिवशंकर शर्मा ने किया।
बैठक में इनकी रही मौजूदगी
बैठक में अनिल वर्णवाल, श्वेता मुखर्जी, अनिरुद्ध मंडल, डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, परवीन कृष्ण सहाय, बीके शुक्ला, सुभाष कुमार, विनीता अल्पना खलखो, सरोजिनी कच्छप, रंजीत उरांव, एरोन कच्छप, राजेश महतो, अनिरुद्ध मंडल, अशोक कुमार साहु, तुलसी करमाली, मदन मोहन माहेटा, मधु सूदन, रामनाथ महतो, राजेन्द्र कर्मकार, मनबोध महतो, दनार्दन महतो, चितरंजन महतो, जलील अंसारी, कालेश्वर मांझी, गणेश, दीनानाथ राम, निखिल चन्द्र, जिहुड़ सिंह, नासिर उद्दीन अंसारी, रसराज महतो, पेलाराम सिंह, शेख सुल्तान अंसारी, फूचा सोरेन, संजय कुमार टुडू, गुप्ता कुमार सोरेन, कुमोद वर्मा, दिनेश महतो, गोकुल चन्द्र, बैजनाथ महतो, अशोक कुमार साहु, अनिल वर्णवाल, अनिरुद्ध प्रसाद मंडल, अश्विनी कुजुर, शिव शंकर शर्मा, गोपाल रवानी के अलावा सैकड़ों की संख्या में आन्दोलनकारी मौजूद थे।