सरकार के रूख से आहत झारखंड आंदोलनकारियों का प्रत्येक जिले में 15 दिसम्बर को धरना

♦डाॅ बीरेन्द्र कुमार महतो ♦
  रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की सोमवार को हुई बैठक में 15 दिसंबर को झारखंड के प्रत्येक जिले में धरना कार्यक्रम को को कामयाब बनाने का निर्णय लिया गया था। बैठक में झारखंड आंदोलनकारी कमल किशोर भगत के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों की जां तथाअपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गयी। साथ ही भगत को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने की बात बैठक में रखी गयी।
झारखंड आंदोलनकारियों को अबतक नहीं मिला मान-सम्मान: राजू महतो
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा- झारखंड अलग राज्य का निर्माण 15 नवंबर 2000 को हुआ है, लेकिन झारखंड अलग राज्य के लिए त्याग, बलिदान एवं संघर्ष करने वालों की स्थिति काफी दयनीय है। उन्होंने कहा, झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान जांच अधिनियम 1952 के तहत किया जाता रहाह है। इस अधिनियम के तहत देश के स्वतंत्रता सेनानियों को भी जांचोपरांत स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया था। झारखंड आंदोलनकारियों की भी जांच इसी अधिनियम के तहत होने के बावजूद भी उन्हें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा या झारखंड सेनानी का दर्जा अभी तक नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। झारखंड आंदोलनकारियों के पुरोधा जयपाल सिंह मुंडा, एनी होता, बिनोद बिहारी महतो, निर्मल महतो, सीपी तिर्की, एके राय, डॉ रामदयाल मुंडा, डॉ बीपी केसरी जैसे सरीखे लोगों की भी पहचान अभी तक नहीं हुई है। सबसे बड़ी विडंबना है कि इस राज्य के अगुवा रहे झारखंड आंदोलनकारी दिसुम गुरु शिबू सोरेन को भी अभी तक मान-सम्मान व पहचान नहीं मिला है न ही झारखंड आंदोलनकारियों के नामों का प्रकाशन सरकारी गजट में हो सका है।
15 दिसम्बर का धरना कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा: डॉ प्रणव कुमार बब्बू
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ प्रणव कुमार बब्बू ने कहा, नैतिकता के आधार पर राज्य सरकार को झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान व स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देना चाहिए। स्वतंत्रता सेनानी मान-सम्मान, पहचान एवं झारखंड आंदोलनकारियों के अस्तित्व के सवाल को लेकर आज सरकार के प्रति झारखंड आंदोलनकारियों में असंतोष व्याप्त है। 15 दिसंबर 2020 को झारखंड आंदोलनकारियों का धरना कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा। उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र प्रेषित कर झारखंड आंदोलनकारियों की भावनाओं से अवगत कराया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने किया। बैठक में सर्जन हंसदा, पुष्कर महतो, सत्येंद्र सिंह, संजय टोप्पो, अमित खलखो सहित अन्य मौजूद थे।

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