गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति का संबोधन, कहा- किसानों के प्रति सरकार समर्पित, दुश्मन देशों को चेताया

♦Laharnews.com Desk ♦

देश के 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के दुश्मनों को जहां चेतावनी दी और कहा कि भारत अपनी सुरक्षा में पूरी तरह सक्षम है वहीं बताया कि सरकार किसानों के प्रति समर्पित है। कहा- कृषि सुधारों को लेकर शुरुआत में कुछ आशंकाएं हो सकती हैं, मगर किसानों के लिए सरकार के अंदर समर्पण भाव पर संदेह नहीं होना चाहिए। तीनों सेना के कमांडर की भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपति ने सीमा पर बार- बार घुसपैठ का प्रयास कर रहे चीन की विस्तारवादी नीतियों का भी पूरी ताकत से मुकाबला करने का साफ संदेश दिया।
देश के दुश्मनों को देंगे माकूल जवाब
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की सुरक्षा को चुनौती देने पर माकूल जवाब दिया जाएगा। सेना, वायुसेना और नौसना ऐसे किसी भी दुस्साहस को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी के साथ मोर्चे पर तैनात हैं और भारत अपनी सुरक्षा में पूरी तरह सक्षम है।
राष्ट्रपति ने विशेष रूप से इस मौके पर जवानों और किसानों के योगदान की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गलवन और सियाचिन घाटी में माइनस 50 से 60 डिग्री सेल्सियस की बफीर्ली ठंड तो जैसलमेर में 50 डिग्री की झुलसा देने वाली गर्मी में हमारे सैनिक देश की सुरक्षा का अपना दायित्व निभा रहे हैं। वहीं, कोरोना काल की चुनौती में किसानों ने देश में अनाज उत्पादन में कोई कमी नहीं आने दी।
राष्ट्रपति ने जून, 2020 में हुई गलवन घाटी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल कई मोर्चो पर अनेक चुनौतियां आई, जिनमें हमें अपनी सीमाओं पर विस्तारवादी गतिविधियों का सामना करना पडा। ऐसी गतिविधियों को नाकाम करते हुए हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। देशवासी इन अमर जवानों के प्रति कृतज्ञ हैं।
शांति के लिए प्रतिबद्ध
राष्ट्रपति ने चीन सीमा पर घुसपैठ के प्रयासों को लेकर आगाह किया और कहा कि हम शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अटल हैं। फिर भी हमारी थल सेना, वायुसेना, और नौसेना सुरक्षा के विरद्ध किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं। हर हाल में भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा में पूरी तरह सक्षम है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बारे में सिद्धांत परक रवैये से भली–भांति अवगत है।

वैज्ञानिकों और डाक्टरों को बधाई
कोरोना महामारी से मुकाबले में भारत की अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति का जिक्र करते हुए कम समय में ही कोरोना का टीका विकसित करने के लिए वैज्ञानिकोंऔर डाक्टरों को भी राष्ट्रपति ने बधाई दी। साथ ही लोगों से संजीवनी के रूप में आई वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आने को भी कहा। राष्ट्रपति कोविद ने कोरोना की आपदा को अवसर में बदलने के लिए प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के गति पकड़ने की बात कही और कहा कि यह अभियान एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। राष्ट्रपति ने इस मौके पर देश के संवैधानिक नैतिकता की राह पर चलने के बाबा साहब के आदर्शो पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि हमें संविधान में निहित मूल्यों को सर्वोपरि मानना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *