♦बतायी सरकार की उपलब्धि:1.5 करोड़ गरीबों को मिला 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज
♦46 वन-उपजों पर एमएसपी 90 फीसद तक बढ़ाई गई
♦600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जनजातीय परिवारों तक पहुंची
♦ सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा
♦Laharnews.com Desk♦
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के अभिभाषण के बाद संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी।वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट संसद में 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। बजट सत्र के लिए संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम सांसद मौजूद हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हुई। 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा, मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है। उन्होंने आगे कहा, श्अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।‘ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की। महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने पिछले दिनों सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं व उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। साथ ही उन्होंने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। राष्ट्रपति ने कहा, पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।श्
भारत के उज्जवल भविष्य के लिए यह दशक अहम: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस दशक का आज पहला सत्र प्रारंभ हो रहा है, भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आजादी के दिवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। भारत के इतिहास में साल 2020 में पहली बार हुआ कि हमें अलग-अलग पैकेज के रूप में चार-पांच मिनी बजट देने पड़े। इसलिए मुझे विश्वास है कि ये बजट भी उसी श्रृंखला में देखा जाएगा।
राष्ट्रपति कोविंद ने आदिवासियों की आजीविका के साधनों का जिक्र करते हुए कहा, आदिवासियों की आजीविका का प्रमुख साधन यानी वन-उपज की मार्केटिंग और वन-उपज आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना का काम भी जारी है। ऐसी कोशिशों से लगभग 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जनजातीय परिवारों तक पहुंची है। सरकार द्वारा 46 वन-उपजों पर एमएसपी 90 फीसद तक बढ़ाई गई है। विमुक्त, घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के लिए भी विकास एवं कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है। वहीं दिव्यांगजनों, ट्रांसजेंडर को दी जाने वाली बेहतर सुविधाएं और समान अवसर देने के लिए किए गए कार्यों की भी उन्होंने चर्चा की।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।
राष्ट्रपति ने कहा, महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।