♦Laharnews.com Desk ♦
रैगिंग और खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में भोपाल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 8 साल पुराने मामले में शुक्रवार को 4 लड़कियों को पांच-पांच साल की सजा मुकर्रर की। इसके अलावा कोर्ट ने इन पर दो-दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 2013 में भोपाल के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग से तंग आकर ता शर्मा नाम की छात्रा ने खुदकुशी कर ली थी। फांसी पर लटकने से पहले उन्होंने चार छात्राओं का सुसाइड नोट में नाम भी लिखा था। कोर्ट के फैसले के बाद चारों दोषी लड़कियों निधि, दीप्ति, कीर्ति और देवांशी को जेल भेज दिया है। सबूतों की कमी के चलते कॉलेज के टीचर मनीष को बरी कर दिया दिया।
रैगिंग के लिए सजा सख्त होनी चाहिए: कोर्ट
कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा, बढ़ती हुई रैगिंग की घटनाओं को देखते हुए सजा इतनी होनी चाहिए कि दूसरे लोगों को ऐसा करने से पहले उसका नतीजा सोचकर डर लगे। आगे से भविष्य के सपने लेकर कॉलेज में एडमिशन लेने वाले किसी स्टूडेंट को सुसाइड करने के लिए मजबूर न होना पड़े।