♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: सीपीआई कार्यालय में वामदलों एवं किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक सीपीएम के राज्य सचिव गोपी कांत बख्शी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव व पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, केडी सिंह, सहायक सचिव महेंद्र पाठक, भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, सीपीआईएम के प्रफुल्ल लिंडा, मार्क्सवादी समन्वय समिति के मिथिलेश सिंह, राजेंद्र गोप, सीपीआई के अजय कुमार सिंह, किसान राजद प्रकोष्ठ के अवधेश पाल, सीपीआईएम के सुफल महतो सहित कई लोग मौजूद थे।
बैठक के बाद प्रेस वार्ता में भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हठधर्मिता को अपनाते हुए किसान आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है। इसीलिए ढाई महीने से अधिक समय से लाखों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। लेकिन मोदी सरकार किसानों को प्रताड़ित करने में लगी हुई है। देश के किसान नौजवान मजदूर सभी प्रभावित हो रहे हैं। महंगाई चरम पर है। महंगाई के कारण आम जनता को जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा- किसान आंदोलन में एकजुटता जाहिर करने के लिए झारखंड के किसान संगठनों के लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मार्च महीने से पंचायत, गांव से लेकर प्रखंड एवं जिला स्तर तक किसान पंचायत का आयोजन पूरे राज्य भर में किया जाएगा। अप्रैल माह में प्रमंडलीय किसान पंचायत एवं 17 मई को रांची के मोरहाबादी मैदान में किसान महापंचायत रैली का आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी विपक्षी दलों के नेता, सामाजिक, जनवादी विचारक शामिल होंगे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी रैली में शामिल होने की अपील की जाएगी। रांची के किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए कई गांव से हजारों की संख्या में लोग पैदल मार्च कर भी रांची पहुंचेंगे। महंगाई के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार का पुतला 21 फरवरी को पूरे राज्य में गांव से लेकर शहर तक जलाया जाएगा।