नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को निजीकरण पर आयोजित एक वेबिनार में कहा कि बजट 2021-22 में भारत को ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई गई है। कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं, कइयों को करदाताओं के पैसे से मदद दी जा रही है। बीमार पीएसयू को वित्तीय मदद देने से अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ता है। पुरानी परंपरा के आधार पर पीएसयू को बनाए रखना उचित नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का काम कारोबार करना नहीं है। सरकार को अपना पूरा ध्यान लोक कल्याण पर लगाना चाहिए। सरकार के पास कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिसका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हुआ है या बेकार पड़ी हुई हैं। 100 परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। निजीकरण, संपत्ति के मौद्रिकरण से जो पैसा आएगा उसे जनता पर खर्च किया जाएगा।