♦Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: रांची विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में सोमवार को 63 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किये गये। मोरहाबादी के लीगल स्ट्डीज सेंटर में आयोजित समारोह में सभी विषयों के गोल्ड मेडलिस्ट को वीसी डाॅ रमेश पांडेय एवं प्रोवीसी डा.कामिनी कुमार ने मेडल और सर्टिपिफकेट प्रदान कर सम्मानित किया। रांची विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है, जब दीक्षांत समारोह का आयोजन सीमित तरीके से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन किया गया।
राज्यपाल का ऑनलाइन दीक्षांत संबोधन
मुख्य अतिथि के तौर पर ऑनलाइन दीक्षांत भाषण राज्यपाल सह कुलाधिपति डाॅ द्रौपदी मुर्मू ने दिया। कोरोना के खतरे को देखते हुए विद्यार्थियों को सात अलग-अलग जगहों पर डिग्रियां दी गयी।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा, शिक्षा आज की बुनियादी आवश्यकता है। मेरी दृष्टि में शिक्षा व्यक्त्ति के आंतरिक शक्त्तियों, गुणों एवं कुशलताओं को निखारता है,ताकि वह जीवन के उद्देश्यों को हासिल कर सके।
शिक्षा का लक्ष्य व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास
व्यक्त्तित्व का संतुलित एवं संपूर्ण विकास ही शिक्षा का लक्ष्य है। शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में देश-प्रेम, अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम तथा सद्गुण उत्पन्न करना भी होना चाहिए। नागरिक एवं सामाजिक कत्र्तव्यों की भावना सामाजिक उन्नति एवं राष्ट्रीय संस्कृति के विस्तार की दृष्टि से होनी चाहिए।
नयी शिक्षा नीति भारत को बनाएगा विश्वगुरु
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा हो चुकी है, इसमें मातृभाषा, नैतिकता एवं भारतीयता पर विशेष बल दिया गया है। यह शिक्षा नीति भारत को विश्व गुरू बनाने की दिशा में कारगर होगी। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि कोरोना की वजह से पूर्व की तरह समारोह का आयोजन नहीं हो सका। राष्ट्रपिता के कथन को कोट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ’ शिक्षा वही है जहां शब्दों के बदले मनुष्य का जीवन बोलना आरंभ कर दे। उसमें सदाचार का श्रेष्ठ भाव हो। राज्यपाल ने कहा कि रांची विवि राज्य का सबसे पुराना विवि है और इसने अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण देश के पटल पर विशिष्ट पहचान बनायी है।
पीजी गणित में रितिका बनीं टाॅपर,गोल्ड मेडल से सम्मानित
रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीजी गणित की सत्र 2018-20 की टाॅपर रहीं रितिका कुमारी प्रसाद को वीसी डाॅ रमेश कुमार पांडेय और प्रोवीसी डाॅ कामिनी कुमार ने गोल्डमेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया। रितिका को 90.88 फीसदी अंक हासिल हुए थे। गोल्ड मेडल हासिल करने के बाद मेधावी छात्रा रितिका ने बताया इस क्षण को देखने के लिए वह दिन-रात पढ़ाई करती थीं। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। रितिका भविष्य में गणित की शिक्षिका बनना चाहती हैं। शोध में भी उनकी काफी दिलचस्पी है। रितिका की सफलता पर आज उनका पूरा परिवार खुश है।
कुलपति ने अपने कार्यकाल की उपब्धियों को बताया
रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डा.रमेश पांडेय ने स्वागत भाषण देते हुए अपने कार्यकाल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गौरतलब है कि डाॅ पांडेय दो मार्च को कुलपति के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। समारोह में पहली बार योगा के लिए गोल्ड मेडल प्रदान किए गए।
सात विभागों में बंटी डिग्रियां
दीक्षांत समारोह में कोविड-19 को देखते हुए डीन कार्यालय में दर्शनशास्त्र, संस्कृत और उर्दू के कुल आठ स्टूडेंट्स को उपाध् िदी गयी। वहीं बॉटनी विभाग में बॉटनी, केमिस्ट्री, जिओलॉजी, मैथ्स, फिजिक्स और जूलॉजी के 18 स्टूडेंट्स को उपाधियां प्रदान हुई। फिजिक्स विभाग में कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, ज्योग्राफी और होम साइंस के 16 स्टूडेंट्स को उपाधि मिली । टीआरएल विभाग में टीआारएल के 18 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गयी। इंग्लिश विभाग में इंग्लिश, हिंदी और बांग्ला विषय के स्टूडेंट्स को उपाधि मिली । इंस्टीच्यूट ऑफ लीगल स्ट्डीज के स्मार्ट क्लास में पॉलिटिकल साइंस, साइकोलॉजी, सोशियोलॉजी और एंथ्रोपोलॉजी के 17 स्टूडेंट्स ने डिग्री ली। वहीं इंस्टीच्यूट ऑफ लीगल स्ट्डीज के हॉल में सभी 63 गोल्ड मेडलिस्ट को डिग्री दी गयी।
इनकी रही मौजूदगी
इस मौके पर कुलसचिव डा.मुकुंद मेहता, सीनेट एवं सिंडिकेट के सदस्यगण एवं शिक्षाविद मौजूद थे। कोरोना की वजह से अन्य विशिष्ट लोगों को दीक्षांत समारोह में आमंत्रित नहीं किया जा सका।