आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा, खतियान के आधार पर ही झारखंड में स्थानीय नीति लागू की जानी चाहिए। राज्य में सीएनटी,एसपीटी एक्ट का सख्ती से पालन होना चाहिए। स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए तमाम कदम सरकार को उठाने चाहिए। एक-एक सरकारी पदों पर यहां के लोगों की नियुक्ति होनी चाहिए।
♦ Dr. BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच ने खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की मांग झारखंड की हेमंत सरकार से की है। इस सिलसिले में शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मोर्चा के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा, सरकार से आग्रह है कि स्थानीय नीति लागू करे और चेयरमैन से लेकर एक-एक सरकारी पदों पर आदिवासी – मूलवासी का नियोजन सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि आदिवासियों – मूलवासियों की पहचान भाषा संस्कृति है । भाषा संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए राज्य में केजी से लेकर पी जी तक पढ़ाई में यहां की भाषाओं को अनिवार्य तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। सभी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं को 8 बी अनुसूची में शामिल करते हुए भाषा अकादमी का गठन और भाषाई कलाकारों को सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव के द्वारा स्थानीय नीति को प्राथमिकता दिए जाने के मामले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में विशेष जोड़ दिया जाए एवं स्कूल संचालन एवं विकास के नियमों किया किये जाने सहित ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ होना चाहिए। उन्होंने मांग की कि आदिवासी धर्म कोड को तत्काल लागू करते हुए इसका उल्लेख वर्ष- 2021 की जनगणना फॉर्म में इसका उल्लेख होना चाहिए। राज्य में सीएनटी,एसपीटी एक्ट को सख्ती से लागू करने की भी मांग की गयी है।
संवाददाता सम्मेलन में मंच के संयोजक लाल विभय नाथ शहदेव, विजय साहू,उपाध्यक्ष सर्जन हांसदा,प्रवक्ता सुबोध दांगी,गैब्रिएल खाखा,प्रवीण कृष्ण सहाय,अश्विनी कुजुर मौजूद थे।