रूपचंद हांसदा को संताली का साहित्य अकादमी सम्मान

♦Dr. Birendra Kumar Mahto♦
रांची :साहित्य अकादमी की ओर से आज 20 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा की गयी। सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक-एक संस्मरण और महाकाव्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा हुई।
पुरस्कारों की अनुशंसा 20 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों ने की और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें चुना गया।
हिंदी की जानी-मानी कवयित्री अनामिका को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। अंग्रेजी भाषा में सुश्री अरुंधति सुब्रमण्यम, श्री हरीश मीनाश्रु (गुजराती), श्री आर.एस. भास्कर (कोंकणी), श्री ईरुंगबम देवेन (मणिपुरी), श्री रूपचंद हांसदा (संताली) एवं श्री निखिलेश्वर (तेलुगु) को भी साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होंगे। संताली भाषा के रूपचंद हांसदा का जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय में एमए की पढ़ाई की, लेकिन नौकरी की वजह से डिग्री हासिल नहीं कर सके। वह दक्षिण-पूर्व रेलवे में स्टोर एकाउंट के सीनियर इंस्पेक्टर हैं। मूलरूप से वह जमशेदपुर के रहने वाले हैं। उन्हें उनकी कविता गुर डाक कासा डाक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

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