♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : झारखंड कैबिनेट की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में शुक्रवार को कई अहम निर्णय लिये गये। विधानसभा बजट सत्र के दौरान राज्य की निजी क्षेत्र की कंपनियों में 75 प्रतिशत स्थानीय को आरक्षण और बेरोजगारी भत्ता का ऐलान करने की तैयारी हेमंत सरकार कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार इससे संबंधित प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगा दी गई है। हालांकि सरकार की ओर से इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन, सूत्रों के अनुसार 19 मार्च को विधानसभा में इन्हें रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सार्वजनिक रूप से निजी क्षेत्रों में 75 प्रतिशत स्थानीय को आरक्षण के लिए नियम बनाने की बात करते आए हैं। सरकार के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह ध्यान रखने के लिए कहा है कि 75 प्रतिशत स्थानीय को निजी क्षेत्र में आरक्षण देने में उद्योगों को परेशानी न हो। निजी कंपनियों के 30 हजार रुपये तक वेतन वाले 75 प्रतिशत पदों को स्थानीय के लिए आरक्षण के दायरे में लाने की तैयारी है। आय सीमा में बदलाव हो सकता है। बतौर उदाहरण किसी कंपनी में 100 पदों का वेतन 30 हजार तक का है। तो इनमें से 75 पदों पर स्थानीय को आरक्षण मिलेगा। 30 हजार से अधिक वेतन वाले पदों पर आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं की जाएगी। ऐसा कंपनी की तकनीकी जरूरतों को मद्देनजर रखते हुए किया जाएगा।
साल में एक बार 5000 बेरोजगारी भत्ता रू सरकार राज्य के बेरोजगारों को साल में एक बार पांच हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देगी। श्रम विभाग को इसके लिए करीब 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। बेरोजगारी भत्ता देने के लिए पिछले बजट सत्र के दौरान घोषणा की गई थी, लेकिन सत्र के दौरान ही कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन शुरू हो गया। इस पर अब सरकार आगे बढ़ने जा रही है।