♦Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची : दुबई और शारजाह में दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के तत्वावधान में पहली बार IPL के तर्ज पर DPL- दिव्यांग प्रिमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है। यह लीग दुबई और शारजाह में 7 से 16 अप्रैल के बीच खेला जाएगा। इस लीग में कुल छः टीमें कोलकाता किंग फाइटर, गुजरात हिटर्स, राजस्थान राजवाडा, चेन्नई सुपर स्टार्ज, दिल्ली चैलेंजर्स और मुंबई आईडियल्स हिस्सा लेगी।
इस लीग में झारखंड के दिग्गज खिलाड़ी जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर चुके हैं एक बार फिर से अपना जलवा बिखेरने को मैदान में उतरेंगे। मुकेश कंचन और वागिस त्रिपाठी दिल्ली से, विशाल नायक कोलकाता और राजू कर्मकार राजस्थान के टीम का हिस्सा हैं।
पिस्का मोर रातू रोड, रांची निवासी वागीश त्रिपाठी कई राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं जिसमें हरियाणा में आयोजित आधार चैलेंजएस ट्रॉफी, चंदौली में मैक्सवेल चैलेंज एस ट्रॉफी, आगरा में क्रिकेट चैंपियनशिप खूंटी में वीर बिरसा मुंडा चैंपियनशिप, जयपुर में 12वीं नेशनल क्रिकेट चैंपियनशिप, लखनऊ में सीएसडी सहारा कप, बनारस में आर्य कप जैसे मैच शामिल हैं।
रांची के सुकुरहुडू ग्राम निवासी विशाल नायक का राजस्थान के जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन के कारण चयन हुआ है। इन्होंने भी 12 टूर्नामेंटों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
राजू कर्मकार भी 16 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं जिसमें हरियाणा में आयोजित आधार चैलेंज एस ट्रॉफी, चंदौली में मैक्सवेल चैलेंज एस ट्रॉफी, आगरा में क्रिकेट चैंपियनशिप खूंटी में वीर बिरसा मुंडा चैंपियनशिप, जयपुर में 12वीं नेशनल क्रिकेट चैंपियनशिप, लखनऊ में सीएसडी सहारा कप, बनारस में आर्य कप शामिल हैं।
मुकेश कंचन एक बेहतर बल्लेबाज ही नहीं एक बेहतर क्षेत्र रक्षक, बेहतर बॉलर और बेहतर कप्तान भी हैं। ये दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल हैं। इन्होंने अभी तक 108 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट मैचों में अपना जलवा बिखेरा है।
सभी खिलाड़ी 1 अप्रैल को रांची से आगरा के लिए रवाना होंगे।वहां से 3 दिन के कैंप के बाद दुबई के लिए रवाना होंगे। बायो बबल के बाद 7 अप्रैल से मैच प्रारम्भ होगा।
मुकेश कंचन ने बताया कि यह टूर्नामेंट दिव्यांगजनों के समावेश के दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। भारत में पुरुष क्रिकेट के अलावे अन्य क्रिकेट को उतनी तवज्जो नहीं दी जाती। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की भी इस तरह का कोई आयोजन आज तक नहीं किया गया है। ऐसे में जनता और संस्थाओं के सहयोग से इतना बड़ा आयोजन दिव्यांगता के प्रति लोगों का नजरिया भी बदलेगी। इस टूर्नामेंट के सीधा प्रसारण हेतु दो चैनलों के बीच में प्रतिस्पर्धा है जो 31 तारीख तक तय हो जाएगी।