♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के करमटोली में निर्मित होने वाले केंद्रीय धुमकुड़िया भवन का आज भूमिपूजन कर शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा- सरकार का यह एक अनूठा और ऐतिहासिक कदम है। आज हमसभी लोग इस क्षण के गवाह हैं। धुमकुड़िया भवन का जल्द उद्घाटन भी हो इसी सोच के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। धुमकुड़िया शब्द में बहुत कुछ रचा-बसा है। आदिवासी समुदाय में धुमकुड़िया में ही बैठकर सभी संस्कार तय किये जाते हैं तथा उन पर चर्चा एवं विचार-विमर्श होते हैं। धुमकुड़िया की परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखना हमसभी की जिम्मेदारी है। पूर्वजों ने हमें सामाजिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों से जोड़ा, आने वाली पीढ़ी को हम जोड़ें।
कहा, हमारे पूर्वजों ने हमें अपनी सामाजिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों के साथ यहां तक पहुंचाया है। हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ी को हम सांस्कृतिक तथा सामाजिक संस्कारों के साथ आगे की राह ले चलें। मुख्यमंत्री ने कहा- मैंने पहले भी रांची के हरमू में एक नींव रखी थी जो आज सरना स्थल के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक एकजुटता ही सशक्त समाज का आधार है। हमें सदैव अपने संस्कृति और सामाजिक संस्कारों से जुड़ कर रहना चाहिए।
12 महीनों में पूरा होगा धुमकुड़िया भवन का निर्माण कार्य
हेमंत सोरेन ने कहा- लगभग डेढ़ करोड़ की राशि से बनने वाला यह धुमकुड़िया भवन का निर्माण कार्य 12 महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आशा और उम्मीद जतायी कि राजनीति से अलग हटकर समाज के उत्थान, प्रगति एवं सकारात्मक दिशा देने के लिए हमें प्रेरित करेगा यह धुमकुड़िया भवन।
इस अवसर पर रांची के सांसद संजय सेठ, पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय, रांची विधायक सी पी सिंह, मांडर विधायक बंधु तिर्की, खिजरी विधायक राजेश कच्छ्प, मेयर रांची श्रीमती आशा लकड़ा, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, उपायुक्त छवि रंजन सहित अन्य वरीय पदाधिकारी एवं टाना भगत समुदाय के प्रतिनिधि, आदिवासी समाज के प्रतिनिधि सहित मौजूद थे।