पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा, वक्ताओं ने कहा- आज के नेताओं को कामरेड एके राय से प्रेरणा लेनी चाहिए

♦Laharnews.com Correspondent♦
  रांची : झारखंड आंदोलनकारी कामरेड एके राय की पुण्यतिथि पर आज उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। भाकपा माले, मासस और झारखंड आंदोलनकारीयों ने आज रांची के जिला स्कूल के मैदान में तस्वीर पर माल्यार्पण किया और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद , सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला , माकपा नेता प्रकाश विप्लव ,वासवी किड़ो, कुमार वरूण सहित मौके पर जुटे विभिन्न राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं, आंदोलनकारियों ने बारी-बारी से उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
राजनीति में नैतिकता के लिए वे याद किये जाएंगे : शुभेन्दू सेन
माले के वरिष्ठ नेता शुभेंदू सेन ने कह, झारखंड के जल-जंगल- जमीन आंदोलन को एके रॉय के विचारों से जोड़ने की जरुरत है। इनके सरल सहज व्यक्तित्व और जन सेवा की जीवटता से वर्तमान प्रेरणा लेनी चाहिए। राजनीति में नैतिकता और मूल्यों के लिए वे हमेशा याद किए जाते रहेंगे।
इन्होंने भी अपने विचार रखे
माकपा के प्रकाश विप्लव ने कहा- एके राय देशज मार्क्सवादी थे। वे माफिया मुक्त कोयलांचल में मेहनतकशों के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे। आदोलनकारी दयामनी बारला ने कहा- एके राय की वजह से ही उनकी सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी बढ़ी। मैं एके राय दा की वजह से हूं। एआईपीएफ के नेता कुमार वरुण ने कहा, सूदखोरी महाजनी के खिलाफ झामुमो के आंदोलन को कॉमरेड एके राय ने ही दिशा दी थी, उनके सपनो का झारखंड बनाना आज वक्त की जरूरत है ।
झारखंड विस्थापित जन आयोग की कार्यकर्ता वासवी किड़ो ने कहा, जल-जंगल-जमीन के आंदोलन का सिकुड़ना झारखंड के लिए खतरनाक साबित होगा। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा, दुश्मन भी उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उनके समर्थक बन बैठे। हर एक लोगों को एके राय के विचारां पर चलना होगा। श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता माले जिला सचिव भुवनेश्वर केवट, संचालन मासस के नेता सुशांतो मुखर्जी ने किया।
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता आलोका कुजूर, युवा नेता आकाश रंजन महिला नेत्री मेवा उरांव ,कुमोद वर्मा ,दिवाकर साहू, मनोज पासवान शनिचरवा मुंडा, बबलू अंसारी, एनामुल हक,भीम साहू सहित कई लोग शामिल थे। सभी ने एक स्वर से कैलेंडर जारी कर और इनकी जीवनी को स्कूली शिक्षा के पाठयक्रम में शामिल करने की मांग की ।

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