रांची : लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा सियासी बिसात बिछाने की तगड़ी व्यवस्था की गयी है। हर पार्टी अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत कर दावा कर रही है। वोटरों को लुभाने के प्रयास तेज कर दिये गये हैं। विधायक अनिल मुर्मू के निधन के बाद से खाली हुए झामुमों की इस परंपरागत सीट को हासिल करने के लिए भाजपा कोई कोरकसर बाकी नहीं रखना चाहती है। मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद इस सीट को हासिल करने के लिए गंभीर हैं। उन्हें मालूम है जीत होने से उनकी सियासी ताकत बढ़ेगी, आलाकमान तक एक अच्छा संदेश जाएगा और हारने पर कई सियासी मायने भी निकाले जाएंगे।
सोमवार को मुख्यमंत्री हवाई मार्ग से भाजपा की बूथ स्तरीय कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए गोपीकांदर फुटबॉल मैदान पहुंचे। फिर वहां से वाहन द्वारा भाजपा कार्यलया पहुंचे और चुनाव के लिए बनाये गये विशेष शिविर में भाजपा कार्यकर्त्ताओं को संबोधित किया। झामुमो पर कई गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने ग्रामीणो से भी मुलाकात की और उनकी समस्याएं जानीं। दूसरी ओर झामुमो ने उपचुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर चार अप्रैल को धुर्वा स्थित राज्य के मुख्य निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना देगा। इसकी जानकारी देते हुए मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि वहां राज्य सरकार द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहित का बार-बार उल्लंघन किया जा रहा है। इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की गयी, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इधर झाविमो सुप्रीमो और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत लगाये हुए है। झाविम ें प्रत्याशी झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी दोनों के लिए खतरा बने हुए हैं।