आदिवासी -मूलवासी सामाजिक संगठनों की बैठक : स्थानीय एवं नियोजन नीति परिभाषित होने तक अनुबंध आधारित नियुक्तियों पर रोक की मांग,आंदोलन की चेतावनी

♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : रांची में आदिवासियों और मूलवासियों के सामाजिक संगठनों के कोर कमेटी की डॉ करमा उरांव की अध्यक्षता में हुई बैठक में झारखंड की हेमंत सरकार से कहा गया कि जब तक स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति परिभाषित नहीं हो जाती है, तब तक अनुबंध पर किसी भी तरह की नियुक्ति पर रोक लगनी चाहिए।

कोर कमेटी में लिये गये निर्णय

1. स्थानीय एवं नियोजन नीति राज्य सरकार 15 नवम्बर तक परिभाषित करने का काम करे।
2. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, निकायों,विश्व विद्यालयों, सहित अन्य विभागों में अनुबंध पर धड़ल्ले से हो रही नियुक्तियों पर सरकार तत्काल प्रभाव से रोक लगाये।
3. बैठक में रोष प्रकट करते हुए कहा गया कि वर्तमान सरकार का कामकाज और नीतियां झारखंड लोगों के अनुकूल में नहीं हैं। उद्योग, व्यवसाय, कारोबार, सरकारी नियुक्तियों में बाहरियों का वर्चस्व चरम पर है जिसे नियंत्रण करने में सरकार अब तक विफल रही हैं यह दुःखद स्थिति है।
4. 6 नवम्बर को सामाजिक संगठनों का सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद होगा, जिसकी रूप रेखा तय की गई है।
5. बैठक में कहा गया कि राज्य सरकार झारखंड निर्माण के अवधारणा को लगता है भूल चुकी है। याद दिलवाने के लिए क्रमवार आंदोलन की शुरुआत की जायेगी। जिसका निर्णय 23 अक्टूबर को होने वाली कोर कमेटी की बैठक में लिया जाएगा।
इन लोगों ने भी रखे विचार
कोर कमिटी के बैठक में अंतू तिर्की, नौसाद आलम, बलकु उरांव, सुशील उरांव, आजम अहमद, प्रेम शाही मुंडा, एस अली, धर्म दयाल साहू, शिवा कच्छप, रामपदो महतो, चरण केवट, सुबोध दांगी, देवेंद्र नाथ महतो, भुनेश्वर लोहरा, दिनेश उरांव, देव सहाय मुंडा, बीभय नाथ शहदेव, रमजान कुरैशी, साधन उरांव, रवि पिटर, ब्रज किशोर बेदिया, रायमुनी मुंडा, रितेश उरांव, माधव कच्छप, निर्मल पहन, संदीप उरांव, शिव शंकर महतो, उमेश मुंडा, रामदेव उरांव, सुरेन कुमार कालिंदी, भूनू तिर्की, नन्हे कच्छप, महादेव मुंडा, इसराइल खालिद, चामु बैक, हरेंद्र उरांव, देवकी नंदन पासवान, जफर अंसारी, गणेश रवि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये एवं सभी ने स्थानीय एवं नियोजन नीति की अनिवार्यता पर विशेष बल दिया।
इन संगठनों के प्रतिनिधि हुए शामिल
उक्त कोर कमिटी के बैठक में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा, कुरमी विकास मोर्चा, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी जनपरिषद, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच, ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिशन, झारखंड तेली संघर्ष मोर्चा, आदिवासी बुद्धिजीवी मंच, राष्टीय निषाद एकता परिषद झारखंड, आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा, लोक सेवा समिति, झारखंड क्षेत्रीय पड़हा समिति, झारखंड पिछड़ा मोर्चा, केंद्रीय सरना समिति, झारखंड छात्र संघ, केंद्रीय सरना संघर्ष समिति, झारखंड उलगुलान मोर्चा, राजी पड़ाहा सरना प्रार्थना सभा, रामगढ़ विस्थापित सभा, शहीद जीतराम बेदिया स्मारक समिति, झारखंड यूथ एसोसिशन इत्यादि संगठनों के प्रतिनिधि कोर कमिटी के बैठक में शामिल हुए।

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