भारत ने प्रवासी पक्षियों को बचाने की चलायी वैश्विक मुहिम

दुनिया भर में प्रवासी पक्षियों के संरक्षण की अगुआई कर रहे भारत ने इसके लिए एक प्लान भी तैयार किया है। जिसमें प्रवासी पक्षियों के फ्लाई-वे के दायरे में आने वाले देशों में इनके ठिकानों को संरक्षित करने की मुहिम और तेज होगी। कोई भी देश इनके ठिकानों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। साथ ही इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा। जिसमें खाने-पीने की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।


भारत ने प्रवासी पक्षियों को बचाने के लिए दुनियाभर में मुहिम चलायी है। भारत को इसके लिए दुनियाभर के देशों का समर्थन भी मिल रहा है। बहरहाल हजारों किलोमीटर की उड़ान भर कर एक देश से दूसरे देश जाने वाले पक्षियों का अब दुनिया भर में वैसा ही स्वागत-सत्कार होगा जैसा घर आए मेहमानों का होता है। पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में इनके ठिकानों के स्वरूप के साथ जिस तरह की छेड़छाड़ हुई और इनका शिकार हुआ, उससे प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियां नष्ट हो गई तो कई लुप्तप्राय स्थिति में हैं। भारत ने अब इन्हें बचाने की एक वैश्विक मुहिम छेड़ी है, जिसकी शुरुआत मध्य एशियाई फ्लाई-वे (उड़ान मार्ग) के देशों से होगी। बाद में इसे दूसरे देशों में भी विस्तार दिया जाएगा।


प्रवासी पक्षियों की संकटग्रस्त प्रजातियों पर भी नजर रखी जाएगी। इन पक्षियों के आवागमन की सूचना भी संबंधित देश एक दूसरे से साझा करेंगे।


दुनिया भर में प्रवासी पक्षियों के संरक्षण की अगुआई कर रहे भारत ने इसके लिए एक प्लान भी तैयार किया है। जिसमें प्रवासी पक्षियों के फ्लाई-वे के दायरे में आने वाले देशों में इनके ठिकानों को संरक्षित करने की मुहिम और तेज होगी। कोई भी देश इनके ठिकानों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। साथ ही इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा। जिसमें खाने-पीने की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

इस पूरी मुहिम में प्रवासी पक्षियों की संकटग्रस्त प्रजातियों पर भी नजर रखी जाएगी। इन पक्षियों के आवागमन की सूचना भी संबंधित देश एक दूसरे से साझा करेंगे।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक भारत इस समय प्रवासी पक्षियों के संरक्षण से जुड़ी काप ( कांफ्रेस आफ पार्टीज) की अगुवाई कर रहा है। वह दुनिया भर में इस मुहिम को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है।
गौरतलब है कि भारत में हर साल हजारों किलोमीटर की उड़ान भरके साइबेरिया समेत कई सुदूर इलाकों से बड़ी संख्या में पक्षी आते हैं जो कुछ समय भारत में गुजारने के बाद फिर से वापस लौट जाते है। भारत में इनकी मौजूदगी कई हिस्सों में पायी जाती है।

मध्य एशियाई फ्लाई-वे में शामिल हैं ये 30 देश

रूस, कतर, सउदी अरब, श्रीलंका, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, यूएई, यूनाइटेड किंगडम, उजबेकिस्तान, यमन, इराक, कजाकिस्तान, कुवैत, किर्गिस्तान, मालदीव, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, ओमान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, चीन, जार्जिया, भारत और ईरान।

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