♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: परिषद आदिवासी जन परिषद, केंद्रीय सरना समिति, झारखंड दलित संघर्ष समिति, आदिवासी लोहरा समाज सहित विभिन्न संगठनों ने संयुक्त तौर पर कहा कि झारखंड में 1833 से ही सर्वे का काम शुरू हुआ था और खतियान के आधार पर ही हमें स्थानीय नीति मंजूर होगी। इसके साथ ही कहा कि झारखंड में बाहरी भाषा को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अब आर-पार की होगी लड़ाई: गीताश्री उरांव
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा- 14 मार्च को विधानसभा घेराव किया जाएगा। अब राज्य में आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
स्थानीय नीति के अभाव में पलायन: प्रेम शाही मुंडा
आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि 14 मार्च को विधानसभा घेराव में मानकी मुंडा, डोकलो सोहोर, पडहा, समिति माझी परगना,पहान पुरोहित,,नीलाम्बर पीताम्बर के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कहा- झारखंड के बेरोजगार छात्र नौजवान, स्थानीय नीति के आभाव में अन्य प्रदेशों में पलायन करने को मजबूर हैं और हेमंत सरकार सोई हुई है।
9 मार्च को हस्ताक्षर अभियान
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच द्वारा 6 मार्च को झारखंड बंद की घोषणा का हम विरोध करते हैं। कहा- 9 मार्च 2022 को अल्बर्ट एक्का चौक पर खतियान आधारित स्थानीय नीति नियोजन नीति भाषा एवं अन्य मुद्दों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।