♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है। लोग नाच और गाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। आदिवासियों की खुशी तो सातवें आसमान पर है। आजादी के बाद पहली बार देश को आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिली है। चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने विपक्षी उम्मीदवार जशवंत सिन्हा को पराजित किया।
आदिवासियों की विशिष्ट पहचान बनेगी: समिति
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के विजयी होने की घोषणा हुई तो रांची में आदिवासी सहित सभी समुदाय के लोगों ने जश्न मनाया। केंद्रीय सरना समिति एवं चडरी सरना समिति की ओर से कहा गया कि आदिवासी महिला के सर्वाेच संवैधानिक पद पर आसीन होने से पूरे विश्व में आदिवासियों की एक विशिष्ट पहचान बनेगी और यह हम सभी के लिए गौरव की बात है।
आदिवासियों के लिए खास दिन: बबलू मुंडा
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा- आज पूरे विश्व के आदिवासियों के लिए बहुत ही खास दिन है। उन्होंने कहा कि आज हमारा सीना भी छप्पन इंच का हो गया है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने में योगदान देने वाले सांसदों और विधायकों के प्रति भी आभार व्यक्त किया है।
द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना ऐतिहासिक घटना है: कृष्णकांत टोप्पो
समिति के महासचिव कृष्णकांत टोप्पो ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड की पूर्व राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना एक ऐतिहासिक घटना है। भारत के आदिवासियों को इसपर गर्व करने की आवश्यकता है ।
एनडीए की वजह से ऐसा हुआ: सुरेंद्र लिंडा
चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेंद्र लिंडा ने अपने कहा- भारत देश में यह पहला अवसर एनडीए की वजह से हमें मिला है। एनडीए की वजह से ही एक आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया गया। एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद पर चुने जाने से आदिवासी महिलाओं को जो सम्मान दिया गया है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाय वह कम है ।
जगलाल पाहन की आंखों से छलके खुशी के आंसू
समिति के मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने खुशी के आंसू छलकाते हुए कहा कि आज आदिवासियों को गौरवान्वित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जिस तरह जिंदगी के तमाम उतार – चढ़ाव के बावजूद श्रीमती मुर्मू ने राजनीतिक सफर तय करते हुए देश के सर्वाेच्च संवैधानिक पद को हासिल किया वह काबिले तारीफ है ।
लोकतंत्र की वजह से संभव हुआ: सबलू मुंडा
चडरी सरना समिति की पूजा समिति के अध्यक्ष सबलू मुंडा ने आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनाये जाने को लेकर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि भारत देश में जो स्थितियां – परिस्थितियां हैं उसमें कभी सोचा भी नहीं जा सकता था कि एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का अवसर हासिल होगा। लेकिन आज ऐसा लग रहा है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सबकुछ संभव है।
इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष श्री बबलू मुंडा मुख्य पहन जगलाल पहन कार्यकारी अध्यक्ष शोभा कच्छप अमर मुंडा केंद्रीय सरना समिति के महासचिव कृष्णकांत टोप्पो अभय भूत कुवर सुनील टोप्पो मुकेश मुंडा चडरी पूजा समिति के अध्यक्ष सबलू मुंडा शंकर लिंडा आकाश मुंडा अप्पू लिंडा विक्की मुंडा प्रकाश मुंडा राहुल मुंडा उदय मुंडा अशोक मुंडा भीम मंडल टिंकू चौधरी मदन तिर्की गोलू मुंडा संगीता टोप्पो चीकू लिंडा आशीष लिंडा दुर्गा तिर्की राजन तिर्की पल्लू मुंडा बजरंग मुंडा पनीर मुंडा ज्योति होरो अक्षय मुंडा आदि सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।