झारखंड आंदोलनकारियों का विधानसभा मार्च, सौंपा 16 सूत्री मांग-पत्र

झारखंड आंदोलनकारी ही राज्य के प्रकाश पुंज और शक्तिपुंज :मथुरा महतो
झारखंड सरकार आंदोलनकारियों एवं आश्रितों के प्रति गंभीर हो : राजू महतो

Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में झारखंड आंदोलनकारियों के सम्मान एवं अधिकार के सवाल को लेकर विधानसभा मार्च किया गया। विधानसभा मार्च बिरसा चौक से आरंभ हुआ। भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के पश्चात आंदोलनकारी झारखंड विधानसभा की ओर कुच पडे . इस क्रम में जिला प्रशासन ने बैरियर लगाकर झारखंड आंदोलनकारियों को आगे बढ़ने से रोका। जिला प्रशासन के प्रतिनिधि को झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के द्वारा 16 सूत्री मांग पत्र सौपा गया। मांग पत्र सौंपने वालों में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक व केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महतो, कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो, सचिव भुवनेश्वर केवट, उपाध्यक्ष जुबेर अहमद, विदेशी महतो, वीणा पानी नंदी, कोलेश्वर सोरेन प्रफुल्ल ततवा, प्रेम मित्तल, गोपाल गुप्ता, भोला नाथ सिंह, शम्स कमर लड्डन, अब्दुल बारी, मोइनुद्दीन, सर्जन हंसदा, एरेन कच्छप, हबुलाल गोराई, शियोन तिर्की, दिवाकर साहू, करमा तिग्गा सहित अन्य प्रमुख थे।
झारखंड आंदोलनकारी शक्तिपुंज हैं: मथुरा प्रसाद महतो
इस मौके पर मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी ही राज्य के प्रकाश पुंज और शक्तिपुंज भी हैं। झारखंड आंदोलनकारियों के सम्मान से ही राज्य की शक्तियां बढ़ेगी। झारखंड आंदोलनकारी एवं आश्रित को नौकरी निश्चित ही मिलनी है।
मांगों पर सरकार को गंभीर होना चाहिए: राजू महतो
मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि झारखंड सरकार को आंदोलनकारियों एवं आश्रितों के प्रति गंभीर होना चाहित और जल्द से जल्द उन्हें सम्मान व अधिकार मिलना चाहिए।

आंदोलनकारियों के दुख-दर्द को समझता हूं: सालखन मुर्मू
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू भी झारखंड आंदोलनकारियों के समर्थन में आए और उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के दुख-दर्द को जानता हूं झारखंड आंदोलन होने का दंश झेला है निश्चित ही झारखंड आंदोलनकारियों को मान-सम्मान पहचान नियोजन मिलना चाहिए।
चुनौतियों को अवसर समझे सरकार: पुष्कर महतो
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक व केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड आंदोलनकारियों की ताकत बने। झारखंड आंदोलनकारियों के उलगुलान, त्याग, बलिदान से ही झारखंड अलग राज्य की बुनियाद मजबूत हुई है। आज आंदोलनकारियों की स्थिति गंभीर है उन्हें मान-सम्मान, पहचान, नियोजन, पेंशन, देना चुनौती जरूर है सरकार इसे एक बेहतर अवसर के रूप में लें। विधानसभा मार्च में अलग-अलग जिलों से आये आंदोलनकारी शामिल हुए।

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