♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के द्वारा राज्यपाल सह कुलाधिपति तथा मुख्यमंत्री के घ्यान को आकर्षित करने के लिए 5वें दिन भी घंटी बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम जारी रहा। इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों शामिल हैं। वे लंबे समय से मांगों की पूर्ति और समस्याओं के निराकरण की मांग सरकार से करते रहे हैं, लेकिन अबतक मांगे पूरी नहीं हुई हैं। इस कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ रीझू नायक, डॉ अशोक कुमार महतो एवं डॉ एस. के. झा कर रहे हैं।
सरकार का हमारे ऊपर ध्यान नहीं: डॉ रीझू नायक
डॉ रीझू नायक ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी थी, उस समय उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से हम घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2018 में की गई थी। हमलोग लगातार साढ़े चार वर्षों से शिक्षा में गुणवत्ता लाने का अथक प्रयास कर रहें है, लेकिन सरकार हम प्राध्यापकों पर तनिक भी ध्यान नहीं दे रही है। आज तक मानदेय में एक रुपया की वृद्धि नहीं की गई, नतीजा हमलोगों को आज सड़कों पर ध्यानाकर्षण के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
अनुबंधि शिक्षकों का हाल बुरा है: डॉ नरेंद्र कुमार दास
डॉ नरेंद्र कुमार दास ने कहा कि राज्य बनने के बाद उच्च शिक्षा की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। दिन प्रतिदिन शिक्षक रिटायर होते जा रहें हैं। राज्य के कई महाविद्यालय और विभागों में विद्यार्थी तो हैं पर शिक्षक एक भी नहीं है। कहीं कहीं एक दो शिक्षक पूरे डिपार्टमेंट को सम्हाले हुए हैं जबकि छात्रों की संख्या सैकड़ों में है। आज उच्च शिक्षा व्यवस्था अनुबंध शिक्षकों के भरोसे ही चल रही है, लेकिन सरकार हम शिक्षकों को बंधुआ मजदूर से भी बुरा हाल करके रखे हुए है।
ऐसी नियुक्ति शोषणकारी होती है
डॉ स्मिता गुप्ता, डॉ निवेदिता मुनमुन एवं डॉ अंजना सिंह ने घंटी बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम के बारे में कहा कि कुल मिलाकर ये नियुक्ति काफी शोषणकारी है। सरकार हमलोगों का लगातार शोषण कर रही है। सरकार घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों को रेगुलराइज करते हुए, यूजीसी ग्रेड के अनुसार निश्चित मासिक मानदेय तय करें और हमारे टर्मिनेट किए गए शिक्षकों को तत्काल सेवा में बहाल करे।
सरकार का आश्वासन पूरा नहीं हुआ: डॉ बिंदेश्वरी साहू
डॉ बिंदेश्वरी साहू ने कहा कि सत्ता में आने से पहले सरकार की ओर से हम घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों के प्रति काफी संवेदनाएं दिखाई गयी थी, चुनाव पूर्व बड़े बड़े वादे किए गये थे । अनुबंध शिक्षकों को परमानेंट का आश्वासन चुनाव से पहले दिया गया था, लेकिन अबतक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। अब मजबूर होकर हमें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
धरना-प्रदर्शन में इनकी रही मौजूदगी
आज के ध्यानाकर्षण हेतु धरना प्रदर्शन में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये सैकड़ों घंटी आधारित अनुबंध शिक्षक उपस्थित थ। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से डॉ स्वीटी मरांडी, डॉ सोनू फ्रांसिस मूर्मू, डॉ बीरेन्द्र, डॉ सुधा ग्लादिस किस्कू, डॉ संयोजित लकड़ा, डॉ गुरुचरण पूर्ति, डॉ मनोज कच्छप, डॉ रेखा कुमारी, डॉ पुष्पा कुमारी, डॉ बी. एन. साहू, डॉ दीपक कुमार, डॉ अजय नाथ सहदेव, डॉ सुभाष साहू, डॉ निरंजन कुमार महतो, डॉ त्रिभूवन शाही, डॉ मिराकल टेटे, डॉ सत्यनारायण उरांव, डॉ नीरा वर्मा, डॉ अंजुम आरा, डॉ संजू कुमारी, डॉ अशोक कुमार महतो, डॉ राम कुमार, डॉ बिलकस पन्ना शामिल थे।