जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा बीएड प्रशिक्षित शिक्षक संघ ने निकाली विशाल रैली, झारखंड की भाषाओं के लिए पद सृजित करने की मांग

♦Dr. BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा बीएड प्रशिक्षित शिक्षक संघ, झारखंड की ओर से बुधवार को प्लस टू सहित प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में झारखंड की भाषाओं के लिए शत-प्रतिशत शिक्षकों के पद को सृजित करने की मांग को लेकर एक विशाल आक्रोश रैली निकाली गयी और इसके बाद सभा को संबोधित किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा- झारखंड निर्माण के बाद से ही शिक्षा विभाग द्वारा यहां की भाषाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के अंतर्गत कुरुख भाषा या फिर नागपुरी भाषा के उदाहरण से स्पष्ट है कि प्लस टू उच्च विद्यालयों में 11 विषयों की रिक्तियां निकाली गई हैं। झारखंड राज्य में भाषा को चार श्रेणी में रखा गया है।  
1 . हिंदी 2. अंग्रेजी 3. संस्कृत ,4.उर्दू ,फारसी एवं अरबी। जनजातीय भाषा के अंतर्गत कुरूख ,मुंडारी ,संथाली ,हो और खड़िया। क्षेत्रीय भाषा के अंतर्गत नागपुरी ,पंचपरगानिया, खोरठा एवं कुरमाली तथा उड़िया, बांग्ला भाषा सम्मिलित है। आरोप लगाया गया कि शिक्षा विभाग ने षड्यंत्र के तहत शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में भाषा समूह 3 के संस्कृत ,उर्दू, फारसी एवं अरबी तथा भाषा समूह 4 के संपूर्ण भाषाओं को छोड़ दिया गया है। अभ्यार्थियों द्वारा मौलिक अधिकार के तहत इन भाषाओं में भी शिक्षक नियुक्ति की मांग उठाई गई है। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने पद सृजन हेतु जो विवरणी बनाई है उससे स्पष्ट होता है कि जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में कौन-कौन से भाषा आते हैं उन्हें मालूम नहीं है। विवरणी में जनजातीय भाषा समूह में निम्नलिखित भाषाओं को रखा गया है हो खड़िया, खोरठा ,कुरमाली ,कुरुख ,मुंडारी, नागपुरी ,पचपरगनिया एवं संथाली।
क्षेत्रीय भाषा समूह में उड़िया ,उर्दू ,फारसी बंगला ,अरबी एवं म्यूजिक को रखा गया है इससे साफ स्पष्ट होता है कि षड्यंत्र के तहत भाषा की तीसरी श्रेणी में मात्र संस्कृत को अकेले देखा जाए तो वर्ष 2016 में 1519 पद सृजित किए गए थे। फिर अभी 249 पदों का सृजत हुआ है। अर्थात संस्कृत के लिए 1768 पद सृजित किये जा चुके हैं, जबकि राज्य में पांचवी अनुसूची क्षेत्र में संस्कृत भाषा बोली ही नहीं जाती है ना व्यवहारिक रूप से इनका उपयोग किया जाता है।  
राज्यपाल से मांग की गयी है कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र के संरक्षक एवं संविधान के अनुच्छेद 29 के तहत विलुप्त होती भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए स्कूलों में भौतिक निरीक्षण के आधार पर सर्वे कराते हुए जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं मे पद को सृजित किया जाना चाहिए।
आक्रोश रैली में मुख्य रूप से जनजातियों क्षेत्रीय भाषा के बीएड प्रशिक्षित शिक्षक संघ के युगेश प्रजापति ,संदीप महतो ,श्याम सुंदर यादव ,श्याम कांडुलना, बबलू साहू, मीना कुमारी, मानिकचंद ,विद्यासागर यादव ,पवन उराव, डिगेंद्र कुमार, शांति ,शोभा, जयप्रकाश अरुण और सभी शिक्षक अभ्यर्थी भारी संख्या में शामिल र्हुए

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