सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक से हासिल इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा चुनाव आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया डाटा इलेक्शन कमिशन को 15 मार्च तक सार्वजनिक करना था। हालांकि, एक दिन पहले ही ये आकंड़े वेबसाइट पर डाल दिए गए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को दाखिल किए एफिडेविट में स्टेट बैंक ने बताया था कि 01 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच राजनीतिक दलों ने कुल 22,217 चुनावी बॉण्ड खरीदे हैं। इनमें से 22,030 बॉण्ड भुनाए गए हैं। अंबानी-अडानी का नाम इसमें नहीं है। इस वजह से विपक्ष को एक झटा भी लगा है। लोकसभा चुनाव में मोदी को घेरने के लिए विपक्ष इसका इस्तेमाल करना चाहता था।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक चुनावी बॉण्ड के जरिए भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस को धन मिला। इसके अलावा द्रमुक, जद(एस), राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), राजद, आप और सपा को भी चुनावी बॉण्ड के जरिए चंदा मिला है। एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि बैंक ने निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड को भुनाने की तारीख, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम और बॉण्ड के मूल्य जैसे विवरण भी दिए हैं।
इन कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए दिया है चंदा
चुनाव आयोग के मुताबिक ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड, पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, पीरामल इंटरप्राइज लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस लिमिटेड, पेगासस प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड, बजाज फाइनेंस लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड, फिनोलेक्स केबल्स लिमिटेड, लक्ष्मी निवास मित्तल, म्कमसूमपे हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, ळभ्ब्स् लिमिटेड, जिंदल पॉली फिल्म्स, आईटीसी लिमिटेड और वेदांत लिमिटेड ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिया है।