सिल्लीः रांची जिले के सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के सोनाहातु प्रखंड के चोकाहातु गांव में मौजूद मेगालिथों का मंगलवार को सर्वे कराया गया। स्वयंसेवी संस्था गूंज परिवार की ओर आयी एक सर्वे टीम के सदस्यों ने चोकाहातू जाकर मेगालिथों पर अध्ययन किया। साथ ही उनकी गिनती करायी।
क्या है मेगालिथ
स्थानीय गांव के लोग बोलचाल की भाषा में इसे हडसडी अथवा हडगडी कहते हैं। हडसडी के पाहन भोला नाथ पातर मुंडा ने बताया कि आदिवासी समुदाय के व्यक्ति की कहीं भी मृत्यु होने के उपरांत उनकी अस्थियों को इस स्थान पर लाकर गाड़ दिया जाता है। इसके ऊपर एक पत्थर लगाकर उस व्यक्ति का ब्यौरा उस पत्थर पर खुदाई कर लिखे जाते हैं।
बेटियों को भी स्थान
पाहन भोला नाथ पातर मुंडा ने बताया कि गांव की बेटी की शादी के बाद भी अगर मृत्यु होती है, तो उसकी अस्थि को भी अपने गोत्र के हडसडी में स्थान दिये जाने की पंरपरा है। यह पूरे सम्मान व पारंपरिक तरीके से किया जाता है।
गिनती के काम में सर्वे टीम के सदस्यों के साथ स्थानीय युवकों ने भी सहयोग किया। सर्वे टीम के मुताबिक सर्वे के पहले चरण में केवल चोकाहातु गांव में ही कुल पांच हजार 960 मेगालिथों की संख्या सामने आयी है। गूंज परिवार के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि मेगालिथों की गिनती का काम जारी है। इनमें से कुछ मेगालिथ पहली शताब्दी के भी बताये जाते हैं। इन मेगालिथो के संरक्षण के उदेश्य से संस्था की ओर से कराये जा रहे विस्तृत सर्वे की रिर्पोट पुरातत्व विभाग को सौंपी जाएगी।
सिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार
सर्वे टीम ने बताया कि मेगालिथों के सर्वेक्षण के बाद इस पर एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार सिल्ली में ही कराया जायेगा। इस सेमिनार में देश के पुरातत्व विभाग के उच्चाधिकारियों के अलावा कई अन्य देशों के पुरातत्वविद् भी भाग लेंगे।
सर्वे टीम में शामिल थे
मेगालिथों की सर्वे टीम में पुरातत्वविद् असित कुमार, मुंबई से आये अनिल सिन्हा, गूंज परिवार के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष चितरंजन महतो एवं मेगालिथो के पाहन भोला नाथ पातर मुंडा शामिल थे। सर्वे टीम को स्थानीय ग्रामीणों का भी जबर्दस्त सहयोग मिला।