रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लगभग 40 वर्षों से लंबित उत्तर कोयल जलाशय परियोजना (मंडल डैम) को शुरू करने पर अपनी सहमती प्रदान कर दी है। बुधवार को झारखंड मंत्रालय में झारखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इससे संबंधित निर्णय लिया गया। राज्य सरकार के प्रयास से इस परियोजना के संदर्भ में पीएमओ और नीति आयोग की बैठक में भी चर्चा हुई। इस परियोजना के लिए भारत सरकार राशि प्रदान कर रही है। बैठक में श्री दास ने कहा कि इस परियोजना के शुरू हो जाने से बड़े भूभाग को सिंचाई के लिए पानी मिल पायेगा और पलामू में होनेवाली पानी की समस्या से काफी हद तक निजात पायी जा सकती है। इस परियोजना के तहत पलामू टाइगर रिजर्व की 1007.29 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग किया जायेगा। इससे आबादी प्रभावित नहीं होगी। मंडल डैम परियोजना के तहत सात गांव (कुटकू, भजना, खुरा, खैरा, मंडल, मेराल और सनेया) की 1007.29 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग होगा। इससे लातेहार व गढ़वा जिले की सिंचाई योजनाओं में लाभ मिलेगा। उत्तर कोयल जलाशय परियोजना की परिकल्पना 1960 के दशक में की गयी थी। 1970 के दशक में इसकी शुरुआत की गयी। परियोजना में कुटकू ग्राम के नजदीक बरवाडीह प्रखंड (लातेहार) में उत्तर कोयल नदी पर जलाशय व जलाशय से 96 कि0मी0 दूरी पर नदी के निचले प्रवाह में एक बैराज का प्रावधान था। बैराज और जलाशय का काम गेट को छोड़कर पूरा किया जा चुका है। इस परियोजना में अब तक 800 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। पहले जलाशय के गेट की ऊंचाई 367.28 मीटर प्रस्तावित थी, जिससे लगभग 6000 हेक्टेयर वन भूमि डूब क्षेत्र में आती। बाद में राज्य सरकार के प्रयास से गेट की ऊंचाई 341 मीटर की गयी है। इससे 1007.29 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित होगी। इस जलाशय योजना से पलामू टाइगर रिजर्व की जल संरक्षण क्षमता पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।वन्य प्राणियों पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।