रांची : झारखंड में शराबबंदी की मांग को लेकर महिला आजसू के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मोराबादी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने शनिवार को धरना दिया। महिलाओं ने नारेबाजी की और सरकार को चेताया कि राजस्व के मोह से बाहर निकले तथा शराब बेचने के बजाय बंद कराये। इस मुद्दे पर सरकार और चुप्पी साधती रही, तो महिला आजसू गांव-गांव में विरोध का झंडा खड़ा करेगी।
इससे पहले जुलूस की शक्ल में निकली महिला कार्यकर्ताओं ने घर उजड़ने से बचाएंगे, शराब बंद कराएंगे, झारखण्डी जनता करे पुकार, शराब बंद करे सरकार जैसे नारे लगाये । ।
महिलाएं शराब के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं : वायलेट
धरना कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए प्रदेश अध्यक्ष वायलट कच्छप ने कहा कि झारखंड की लाखों महिलाएं शराब के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं और सरकार राजस्व बढ़ाने के लिये खुद शराब बेचने की तैयारी में है। गली- मुहल्ले में शराब दुकान खोले जा रहे हैं। शराब के कारण घर-बार तंग तबाह हो रहे हैं। युवा पीढ़ी शराब की गिरफ्त में है। शराबबंदी के बगैर झारखंड का विकास मुश्किल है।
शराबबंदी को सर्वोच्च प्राथमिकता : जोबा रानी
प्रदेश महासचिव जोबा रानी पाल ने कहा कि आजसू पार्टी के महाधिवेशन में पारित 29 राजनीतिक प्रस्तावों में शराब बंदी सबसे ऊपर और महत्वपूर्ण है। धनबाद की चंचला देवी ने कहा कि गांवों में तथा हाट-बाजार में हर दसवें कदम पर शराब बनती- बिकती है और सरकार कहती है कि नशामुक्त गांव को एक लाख का इनाम दिया जायेगा। प्रोफेसर अनिता शेखर ने कहा कि झारखंड में अपराध और महिला हिंसा की जड़ भी शराब है। तब भी सरकार शराब बंद करने से बच रही है। उपाध्यक्ष शोभा पाल ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि बिहार की तर्ज पर शराब बंद नहीं करेंगे, तो उन्हें जो मॉडल पसंद है उसे लागू करें।
शराब की वजह से जान खतरे में है : पार्वती देवी
उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने कहा कि हाल के दिनों में कांके तथा लातेहार में शराब पीकर वाहन चलाने के कारण दर्जनों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। भविष्य में ऐसी घटनाऐं न हो इसलिए शराबबंदी आवश्यक है। धरना को शोभा रानी महतो, बसंती कुम्भकार, सुधा रानी बेसरा, सुधा मुण्डू, अनिता साहू, प्रियंका कुमारी, रीना केरकेट्टा, हेमलता उरांव, बीणा देवी, सरिता देवी, संगीता बारला, तारामनी साहू, सीमा सिंह, फूलकुमारी देवी, ललिता देवी, अनिता देवी, नेहा प्रसाद आदि महिलाओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर रेखा देवी, अनिता गाडी, चारूबाला महतो, चंचला भोक्ता, आरती देवी, मर्शिला खलखो, प्रभा महतो, मेरी तिर्की, पूनम देवी, समेत सैकड़ों महिला कार्यकर्ता उपस्थित थी।