रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर अलग-अलग खड़िया संगठनों के प्रतिनिधियों ने खड़िया जनजाति की समस्याओं के निराकरण का आग्रह किया है। राज्यपाल को इस सिलसिले में एक मांगपत्र भी खड़िया समुदाय की ओर से सौंपा गया। राज्यपाल से कहा गया कि रांची जिले में खड़िया जनाजातीय लोगों की जमीन की खरीद-बिक्री और उसका निबंधन नहीं हो रहा है। यह खड़िया लोगों के साथ अन्याय है। ऐसे में पूर्व की खरीद-बिक्री और निबंधन से जुड़ी प्रक्रिया को यथावत रखने की मांग की गयी है। खड़िया भाषा की पढ़ाई स्कूल, कॉलेजों और प्रशिक्षण संस्थानों में शुरू करने और खड़िया शिक्षकांं की नियुक्ति करने , सिमडेगा कॉलेज का नाम वीर शहीद तेलंगा खड़िया के नाम पर करने, गुमला में तेलंगा खड़िया के समाधि स्थल का सौंदर्यीकरण करने, रांची कॉलेज का नाम किसी आदिवासी शहीद या आदिवासी बुद्धिजीवी के नाम पर करने, सीएनटी/एसपीटी एक्ट में संशोधन पर रोक लगाने, झारखंड में राजपत्रित या अराजपत्रित प्रतियोगिताओं और प्रोन्नतियों की परीक्षाओं में खड़िया भाषा को शामिल करने, संविधान की आठवीं अनुसूची में खड़िया भाषा साहित्य को शामिल करने, रांची में खड़िया समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण के लिए आधा एकड़ जमीन देने की मांग की गयी है। राज्यपाल को अखिल भारतीय खड़िया महासभा सिमडेगा, खड़िया साहित्य समिति रांची, खड़िया महासभा रांची, तेलंगा खड़िया स्मारक समिति रांची, बंधु खड़िया समिति रांची, खड़िया विकास परिषद गुमला और छोटानागपुर खड़िया छात्रसंघ रांची की ओर से मांगपत्र सौंपा गया है। राज्यपाल से मिलने वालों में डॉ सुशाल केरकेट्टा, फादर एफ्रेम बा, गौतम कुल्लू, चन्द्रकिशोर केरकेट्टा, मंगला कुल्लू, जोगी खड़िया बासुदेव भगत, राजेश खड़िया, मतियस कुल्लू, निकोलस किड़ो, फादर जॉन डुंगडुंग और कुलभूषण डुंगडुंग शामिल थे।