जमशेदपुर/रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि संस्कृति, भाषा एवं परम्परा हमारी पूंजी है। हमें अपनी संस्कृति को जीवंत रखना है क्योंकि यही हमारी पहचान है।
♦संस्कृति, भाषा एवं परम्परा हमारी पूंजीः रघुवर
पंडित रघुनाथ मुर्मू ने अपनी संस्कृति और पहचान को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए ओलचिकी लिपि का मौलिक सृजन किया।
उनके इस अथक प्रयास के सम्मान में राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में संथाली भाषा में पठन-पाठन का कार्य होगा। मुख्यमंत्री आज पंडित रघुनाथ मुर्मू गड़म कड़ा की जयंती के अवसर पर पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा प्रखण्ड अवस्थित कोसापुलिया में मूर्ति अनावरण सह ऑल इंडिया सरना धर्म चेमेत आसरा कार्यालय के उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रायरंगपुर के आदिवासी समाज के घर में जन्मे पंडित रघुनाथ मुर्मू का जीवन संघर्ष और सृजन का द्योतक है। सन् 1936 में ओलचिकी लिपि का प्रणयन करने के बाद केवल एक व्यक्ति के साथ पैदल ही बिहार, बंगाल, ओडिशा में घूम-घूमकर इस लिपि का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दपर्ण है। इस अवसर पर जमशेदपुर के सांसद वरण महतो, घाटशिला के विधायक लक्ष्मण टुडू, अखिल भारतीय सरना धर्म के अध्यक्ष हेमू मुर्मू सहित बड़ी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित थे।