रांची : झारखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के आंकड़ों को देखते हुए राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय की कमेटी के दिशा निर्देश पर झारखण्ड में भी राज्य सड़क सुरक्षा परिषद का गठन किया है। परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। वहीं जिले में परिषद के अध्यक्ष उपायुक्त को बनाया गया है।
♦ राज्य में सड़क सुरक्षा परिषद का हुआ गठन : निधि खरे
♦यातायात नियमों के उल्लंघन पर झारखंड सरकार सख्त
यातायात उल्लंघन मामले पर यह भी होगी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2017 में जनवरी से मार्च महीने के बीच सड़क हादसों की घटना में इजाफा हुआ है। सड़क हादसों के बढ़ते आंकडे के मद्देनजर सड़क सुरक्षा कानून को सख्त बनाने का निर्णय लिया राज्य सरकार की ओर से लिया गया है। जिसके तहत ओवर लोडिंग होने पर 400 रुपये, खतरनाक ड्राइविंग पर 1000 रुपये, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2000 रुपये, तेज गति होने पर 500 रुपये, परमिट नही होने पर 5000 रुपये, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 500 रुपये का जुर्माना पहली बार में किया जायेगा। तीन बार से अधिक गलती करने पर लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान सरकार ने किया है। इसी तरह सड़क सुरक्षा से जुड़े अन्य नियमों के लिए भी जुर्माना राशि तय की गयी है।
राजमार्ग के आसपास शराब बिक्री पर रोक
श्रीमती खरे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर राष्ट्रीय राजमार्ग के 500 मीटर के दायरे में शराब व नशीले पदार्थ की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। अभी तक राज्य में 684 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग के आस -पास के शराब की दुकानों को बंद करवाया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016- 17 में 5.42 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खर्च की है। जिसमें अल्कोहल मीटर, स्पीडोमीटर जैसे उपकरण भी खरीदे जा रहे हैं।
तीन महीने में यातायात उल्लंघन के बीस हजार मामले दर्ज
निधि खरे ने बताया कि जनवरी 2017 से मार्च 2017 तक पूरे राज्य में यातायात उल्लंघन के 20000 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं। जिसमें ओवर लोडिंग के 851, ओवर स्पीड के 158, रेड लाइट जम्प के 18, मोबाइल पर बात करते हुए 39, शराब पीकर गाड़ी चलाने के 84, सीट बेल्ट नहीं लगाने के 194 और अन्य मामले दर्ज किये गये हैं।
स्कूल, कॉलेजो और अभिभवकों से आग्रह
निधि खरे ने सभी स्कूल, कॉलेज और अभिभावकों से आग्रह किया कि वह युवाओं को यातायात नियमों के पालन करने के लिए प्रेरित करें। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में संसाधनों और मानव संसाधनों की कमी है लेकिन सड़क सुरक्षा के लिए अब सरकार तकनीक को भी इसमें शामिल कर रही है। जगह -जगह सीसीटीवी कैमरे और स्पीडोमीटर की मदद से नियम तोड़ने वाले लोगों पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है और इस कार्य में जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को भी निर्देश दिया गया है।
प्रेसवार्ता में में उच्चतम न्यायालय के सड़क सुरक्षा कमेटी के संयोजक राजेश ई पात्रो, संयुक्त परिवहन आयुक्त शेखर जमुआर, एसपी ऑपरेशन संजीव कुमार, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के निदेशक राजीव लोचन बक्शी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।