♦हिमांशु शेखर ♦
रांची: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के समय स्किल समिट -2018 और ग्लोबल स्किल समिट- 2019 में लोगों को दिए गए ऑफर लेटर और उनके नियोजन की अद्यतन स्थिति को लेकर खड़े किए गए कई गंभीर सवालों पर उठे विवाद की जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का निर्णय लिया है
विधायक प्रदीप यादव ने पंचम झारखंड विधान सभा के द्वितीय सत्र में इन दोनों समिट में युवाओं को दिए गए ऑफर लेटर को लेकर खड़े किए थे कई गंभीर सवाल, सरकार से इसकी जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने की रखी है।
1 लाख 33 हजार 293 व्यक्तियों को ऑफर लेटर दिए गए थे
स्किल समिट- 2018 में 26 हजार 674 लोगों को ऑफर लेटर दिया गया था । इसमें उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा 15 हजार 869, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2713, शहरी विकास एवं आवास विभाग द्वारा 3317, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 4418, खनन भूतत्व और उद्योग विभाग द्वारा 198 , पर्यटन, कला , संस्कृति खेल एवं युवा कार्य विभाग द्वारा 159 व्यक्तियों को ऑफर लेटर दिया गया था । ग्लोबल स्किल सम्मिट- 2019 में 1 लाख 6 हजार 619 लोगों को ऑफर लेटर मिला था । इनमें झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाइटी द्वारा 44 हजार 693, उच्च शिक्षा द्वारा 12 हजार 101, तकनीकी शिक्षा द्वारा 5 हजार 963, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 12 हजार 451, शहरी विकास एवं आवास विभाग द्वारा 14 हजार 892 , श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 10 हजार 965, उद्योग विभाग द्वारा 998 और कल्याण विभाग द्वारा 4 हजार 556 व्यक्तियों को जॉब ऑफर दिए गए थे । इन दोनों स्किल समिट में दिए गए ऑफर लेटर के आलोक में नियोजन की अद्यतन स्थिति पर विधायक प्रदीप यादव के द्वारा अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कई गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं, जिसकी जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का निर्णय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के द्वारा लिया गया है ।