♦डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारियों ने गुरुवार को ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम से मुलाकात कर उन्हें मांगपत्र सौंपा और समस्याओं के निराकण की मांग रखी। आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को मंत्री आलमगीर आलम ने भरोसा दिलाया कि झारखंड आंदोलनकारियों के मामले पर सरकार सहानुभूति के साथ विचार करेगी और मेरी भी पूरी सहानुभूति उनके साथ है। मंत्री ने कहा- मैं स्वयं मुख्यमंत्री से बात करूंगा और झारखंड आंदोलनकारियों के मामलों का निबटारा जल्द से जल्द करने की बात की जाएगी।
आलम ने कहा, झारखंड आंदोलन में राज्य के प्रत्येक क्षेत्र के लोगों की सहभागिता थी। मैं प्रत्यक्ष तौर पर आंदोलनकारियों की भावनाओं से अवगत हूं। उनके भावनाओं के अनुरूप मान-सम्मान, पेंशन मिलना ही चाहिए। सरकार इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी।
सरकार के सामने चुनौती को अवसर में बदलने का मौका: राजू महतो
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा आज सरकार के लिए चुनौती नहीं बल्कि चुनौती को अवसर में बदलने का मौका है। सरकार झारखंड आंदोलनकारियों के मामलों का निबटारा शीघ्र करें। यह सरकार की नैतिक जिम्मेवारी है। आज झारखंड आंदोलनकारियों को राज्य बनने के 20 वर्षों के बाद भी राजकीय सम्मान का दर्जा नहीं मिला है न ही स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिला है। उन्होंने हेमंत सरकार से एक-एक झारखंड आंदोलनकारियों को तत्काल मान-सम्मान, पहचान एवं राजकीय सम्मान देने की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो, प्रधान महासचिव अजीत मिंज, वरीय उपाध्यक्ष अश्वनी कुजुर, रंजीत उरांव, प्रवक्ता पुष्कर महतो एवं सदस्य सर्जन हंसदा प्रमुख थे।