झारखंड आंदोलनकारियों का ‘सरकार संविधान का पालन करो’ दिवस, उपवास

♦Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारियों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने अधिकार के लिए संघर्ष को और अधिक तेज करने का आह्वान किया। इससे पहले बहुबाजार चौक पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया है और उसे सलामी दी गयी। आंदोलनकारियों ने अपने अधिकार की मांग को लेकर ‘सरकार संविधान का पालन करो’ दिवस मनाया और उपवास पर रहे। देश के शहीदों को नमन किया। पदमश्री मुकुंद नायक, संत मिखाइल नेत्रहीन विद्यालय के वार्डन राजकुमार नागवंशी सहित अलग-अलग लोगों से झारखंड अलग राज्य व झारखंड आंदोलनकारियों के संविधानिक मूल्यों के विषय में चर्चा की।गणतंत्र दिवस के मौके पर झारखंड आंदोलनकारियों को सरकार द्वारा नहीं बुलाये जाने को अपमानजनक बताया गया।
सरकार पर बरसे राजू महतो
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि अलग राज्य का गठन संविधान की धारा 3 ए के तहत भाषा एवं संस्कृति के आधार पर हुआ है। अलग झारखंड राज्य बनने के 20 वर्षों के पश्चात भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है। झारखंड के माय- माटी के सवाल , कला और कलाकारों के सवाल,परंपरा और धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन के दिशा में ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार गृह, कारा आपदा राहत विभाग, जांच अधिनियम 1952 का अक्षरशः पालन नहीं कर रही है। झारखंड आंदोलनकारियों को उचित मान-सम्मान पहचान, पेंशन, सम्मान राशि व नियोजन नहीं मिल पा रहा है।
55 हजार आंदोलनकारियों का आवेदन सरकार के पास लंबित:अजीत मिंज
मोर्चा के प्रधान महासचिव अजीत मिंज ने कहा कि राज्य सरकार के कैबिनेट से झारखंड आंदोलनकारियों के हित में पास किए गए संकल्प की भी अवमानना की जा रही है। कैबिनेट द्वारा पारित संकल्प में झारखंड आंदोलनकारियों को ताम्रपत्र ,प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र , मेडिक्लेम, दो बच्चों के पढ़ाई एवं नियोजन आदि का प्रावधान है। अभी तक झारखंड आंदोलनकारियों का नाम गजट में प्रकाशित नहीं है, जिससे झारखंड आंदोलनकारी स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे है।
आज के दिन 26 जनवरी को 1-1 झारखंड आंदोलनकारियों को राजकीय कार्यक्रम में बुलाया जाना चाहिए था, नहीं बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण बात है । ऐसे में झारखंड आंदोलनकारियों की सरकार के प्रति, व्यवस्था के प्रति नाराजगी स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार झारखंड आंदोलनकारियों के भाव व भावनाओं का सम्मान करें। 55 हजार से अधिक आवेदन झारखंड आंदोलनकारियों का झारखंड/वनांचल आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग,गृह विभाग, झारखंड सरकार में लंबित है । इसके अलावा हजारों लोगों ने अब तक आवेदन किया ही नहीं है। ऐसे में सरकार को आयोग को तत्काल गठन करते हुए जो लोग आवेदन नहीं किए हैं विज्ञापन निकालकर आवेदन आमंत्रित करे। झारखंड आंदोलनकारियों के मान -सम्मान ,पहचान, नियोजन व पेंशन के सवाल पर सरकार को संवैधानिक मूल्यों के आधार पर खरा उतरना चाहिए।
इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम का संचालन संजय सिंह, स्वागत भाषण , कुमोद वर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन पुष्कर महतो ने किया। इस कार्यक्रम में श्रीमती सरोजिनी कच्छप, विनीता अल्पना खलखो, एरेन कच्छप,आशा कच्छप,सालो देवी,शीला टोपनो, मानव घोष दस्तीदार, रामशरण विश्वकर्मा, दिवाकर साहू ,राज किशोर साहू, गणेश दास, सुबोध दांगी, अनिल उरांव नवीन कच्छप, सोनू सुजीत कुजुर सहित अन्य उपस्थित थे।

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