♦Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष, झारखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य एवं रांची विश्वविद्यालय के नवनियुक्त प्राक्टर डॉ. त्रिवेणी नाथ साहु का स्वागत किया गया। मौके पर डॉ साहु ने अपने कई अनुभवों को साझा किये। उन्होंने कहा- हरेक व्यक्ति को अपने कार्यों के प्रति ईमानदारी से लगे रहना चाहिए। निरंतर प्रयास से व्यक्ति हमेशा सफल होता है। उन्होंने कहा कि जेपीएससी में रहते हुए एक परिधि में बन्धा रहा, चूंकि संवैधानिक पद की अपनी गरिमा है। कार्य के दौरान कई सवाल भी उठते रहें, परन्तु हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चला। किसी के दबाव में कार्य नहीं किया। अपने कामों के प्रति समर्पण भाव से लगा रहा। व्यक्ति को पहले अपने व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए किसी काम को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप जैसा काम करेंगे तो समाज में आपकी छवि वैसी ही बनेगी। इसलिये हमेशा अच्छा करने का प्रयास करना चाहिए।
डाॅ साहु ने कहा- शुरू से ही जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की अहम भूमिका इस राज्य के नवनिर्माण में रही है। यह विभाग पूरे झारखंड को दिशा प्रदान करने का काम करता रहा है। उन्होंने कहा कि आप कहीं भी काम करें, आपकी छवि आपके विभाग से जानी व पहचानी जायेगी। जीवन में कई बाधा और कष्ट आयेंगे, परन्तु उनसे विचलित नहीं बल्कि धैर्य के साथ सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
हम सबों के लिए गौरव का क्षण: डाॅ हरि उरांव
विभागाध्यक्ष डॉ हरि उराँव ने स्वागत संबोधन में कहा, डॉ टीएन साहू का संवैधानिक पद पर जाना हमारे विभाग और हम सबों के लिए गौरव की बात है। इन्होंने बड़ी कुशलता के साथ अपने कार्यकाल में अपने कार्यों का बखूबी निर्वहन किया। जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की एक साफ सुथरी छवि स्थापित की। वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय के प्राक्टर के रूप में भी हम सबों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
व्यक्ति की दृढ़इच्छा शक्ति मजबूत होनी चाहिए: डाॅ उमेश नंद तिवारी
डॉ उमेश नन्द तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा, व्यक्ति की दृढ़ इच्छा शक्ति यदि मजबूत हो तो वह किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। डॉ टीएन साहु हम सबों के लिए एक रास्ता पथ प्रदर्शक हैं।
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, डॉ सरस्वती गगराई, डॉ दमयंती सिंकू, डॉ अर्चना कुमारी, गुरुचरण पूर्ति, किशोर सुरीन, धीरज उराँव, करम सिंह मुंडा, नरेंद्र कुमार दास, रमाकांत महतो, डॉ उपेन्द्र कुमार, जेएन कालेज के डॉ अंजू कुमारी साहू, महिला कालेज रांची के डॉ पूनम सिंह चैहान, आर एल एस वाई कालेज के डॉ अहिल्या कुमारी, डॉ राम कुमार, सुरेश महतो, सिमडेगा कालेज के डॉ अशोक कुमार बड़ाईक, शोधार्थी विजय साहु, बसंत कुमार, युगेश प्रजापति, पप्पू बांडों, प्रभा हेमरोम, बसंती देवी के अलावा कई अन्य सहायक प्राध्यापक, शोधार्थी एवं छात्र छात्राएँ मौजूद थे।