रांची विवि के टीआरएल विभाग में आनलाईन शोकसभाः वक्ताओं ने कहा-डाॅ भुवनेश्वर अनुज का निधन नागपुरी भाषा-साहित्य के लिए बड़ी क्षति

♦Laharnews.com Correspondent♦
  रांची: नागपुरी भाषा के प्रख्यात साहित्यकार डाॅ भुवनेश्वर अनुज के निधन पर रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की ओर से आनलाईन शोकसभा आयोजित की गयी।
झारखंड के लिए बड़ी क्षति है डाॅ अनुज का निधन: डाॅ हरि उरांव
आनलाईन शोकसभा की अध्यक्षता करते हुए जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के अध्यक्ष डॉ हरि उरांव ने कहा, डॉ भुवनेश्वर अनुज का निधन पूरे प्रदेश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वह सिर्फ व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक संस्थान थे। पूरे झारखंड में शैक्षणिक माहौल तैयार कर शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया।
उन्होंने कहा कि डॉ अनुज ने राजधानी रांची समेत गुमला, बसिया, लापुंग सहित उन क्षेत्रों में महाविद्यालय व विद्यालय खोले, जहाँ शहरी नहीं बल्कि गाँव के वैसे बच्चे दाखिला लेते थे, जो शहर के अच्छे कॉलेजों में पढ़ने का सपना भी नहीं देख पाते थे।
समाज को नयी दिशा दी थी: डाॅ उमेश नंद तिवारी
डॉ भुवनेश्वर अनुज को अपना आदर्श मानने वाले डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा, मैंने डॉ भुवनेश्वर अनुज जी के माध्यम से जाना व्यक्ति से व्यक्तित्व बनना। शिक्षा से शैक्षिक माहौल तैयार करना। उन्होंने कहा कि डॉ अनुज ने अपने साहित्य कर्म व शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना कर समाज को एक नयी दिशा देने का काम किया। वह हमेशा समाज के लिए एक आदर्श बने रहेंगे.
नुकसान की भरपायी संभव नहीं: डाॅ बीरेन्द्र कुमार महतो
प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने कहा कि बेशक उनके न होने की कमी शैक्षणिक जगत व साहित्य संसार में काफी समय तक महसूस की जाती रहेगी। इस नुकसान की भरपायी निकट भविष्य में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉ अनुज का जाना नागपुरी साहित्य जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। वह अपनी बहुआयामी व्यक्तित्व और विद्वता के लिये हमेशा हमारे बीच जीवित रहेंगे। धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक किशोर सुरीन ने किया। आनलाईन शोकसभा में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के प्राध्यापक डॉ अर्चना कुमारी, डॉ किरण कुल्लू, नरेन्द्र कुमार दास, डॉ पार्वती मुण्डू, अजय कुमार, जलेश्वर साहु, दिनेश प्रसाद, मिनाक्षी के अलावा अन्य प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।

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