♦Laharnews.com National Desk♦
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को परीक्षा-पे-चर्चा कार्यक्रम में विद्यार्थियों से कहा कि परीक्षा को लेकर बिल्कुल भी तनाव न लें क्योंकि यह जिंदगी का आखिरी मुकाम नहीं है। परीक्षा सिर्फ अवसर है, जिंदगी नहीं। इसलिए मरने-जीने की बात क्यों होती है। जिंदगी बहुत लंबी है। परीक्षा तो एक छोटा सा पड़ाव है। यह जीवन को गढ़ने का एक अवसर है। ऐसे में खुद को इस कसौटी पर कसने के मौके खोजते रहना चाहिए ताकि हम और बेहतर कर सकें। इससे भागना नहीं है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान छात्रों को आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया और कहा बड़े सपने रखिए व देश के लिए सोचिए। प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से भी कहा कि बच्चों पर लक्ष्य हासिल करने के लिए दबाव नहीं बनायें।
प्रधानमंत्री ने दूसरों को देखकर अपना नजरिया बनाने की परिपाटी को भी गलत बताया और कहा कि खुद की प्रतिभा को पहचानकर आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को भी याद किया। प्रधानमंत्री के साथ परीक्षा-पे-चर्चा में करीब 14 लाख लोगों से हिस्सा लिया जिनमें 10 लाख से ज्यादा छात्र थे। इसमें दुनिया के 81 देशों के छात्र भी शामिल थे। इस बार यह पूरा कार्यक्रम वर्चुअल रखा गया था। प्रधानमंत्री की ओर से बच्चों के सवालों के जवाब भी दिये गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा हाॅल में जाने से पहले तनाव को बाहर फेंक दे और बिल्कुल सहज-सरल रहें। जब पढ़ाई कर रहे हो तो उस क्षण आपका दिमाग बिल्कुल पढ़ाई में होना चाहिए। अन्यथा सबकुछ गड़बड़ हो जाएगा। उन्होंने बच्चों से कहा- आप सपने देखिये, लेकिन सपने लेकर बैठ मत जाइए।







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