♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: रिम्स की ओर से मंगलवार को हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर बताया गया कि कोविड जांच के दौरान यदि सीटी वैल्यू 35 तक रहता है तो वह पॉजिटिव माना जाएगा। 35 से ऊपर वाले निगेटिव माने जाएंगे। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रिम्स से इस पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। याचिका में राज्य सरकार पर कोविड पॉजिटिव के निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था। याचिका में कहा गया था कि आइसीएमआर ने कोरोना जांच के दौरान सीटी वैल्यू 35 तक को पॉजिटिव के दायरे में रखा है, लेकिन झारखंड में 32 सीटी वैल्यू तक को ही पॉजिटिव माना जा रहा है। इससे अधिक के सीटी वैल्यू वाले को निगेटिव घोषित किये जा रहे हैं। अदालत को बताया गया कि आइसीएमआर के मानको और निर्देशों का पालन करना सभी सरकारों की बाध्यता है, लेकिन झारखंड में इसका पालन नहीं हो रहा है।
अदालत को बताया गया कि राज्य में 32 से अधिक सीटी वैल्यू वाले को निगेटिव बताया जा रहा है, जिसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 35 सीटी वैल्यू वाले पॉजिटिव रहे हैं और वह दूसरे को संक्रमण फैला रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि कई ऐसे उदाहरण हैं, जिसमें परिवार के एक सदस्य को 32 से अधिक सीटी वैल्यू मिलने पर निगेटिव बताया गया जबकि परिवार के दूसरे सदस्य संक्रमित हो गए। वैसे सदस्य संक्रमित हुए हैं, जो घर से बाहर नहीं जा रहे हैं और बाहरी लोगों के संपर्क में भी नहीं है। प्रार्थी की ओर से बताया गया कि आइसीएमआर के सीटी वैल्यू का पालन नहीं करने से राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है। रिम्स की ओर से बताया गया कि कुछ कंपनियों के चिप में 32 से अधिक को निगेटिव बताया जा रहा था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब 35 सीटी वैल्यू वाले को पॉजिटिव माना जा रहा है।