रांची: डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के तत्वावधान में शनिवार को आनलाइन शोकसभा आयोजित कर डाॅ आरपी साहू, डॉ भुनेश्वर अनुज, डॉ गिरधारी राम गौंझू गिरिराज और आनंद राम महली को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।
शोकसभा में डॉ अनिल ठाकुर ने रंगमंच संस्थान रंग दर्पण के माध्यम से डॉ भुनेश्वर अनुज के नाम पर बुजुर्ग साहित्यकारों को साहित्य सम्मान, डॉ गिरधारी राम के नाम पर युवा साहित्यकारों को साहित्य सम्मान तथा आनंद राम महली के नाम पर पर लोक संस्कृति पुरस्कार देने की घोषणा की।
इस अवसर पर विभाग के समन्वयक प्रो. रामदास उरांव, पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख, डॉ.कुमारी वासंती, डॉ उमेश नंद तिवारी, डॉ. अनिल ठाकुर, मनीष बारवार आदि ने अपने-अपने विचार साझा किये। समन्वयक प्रो रामदास उरांव इन चारों को झारखंड की महान विभूति बताया। पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख ने इन चारों के प्रति और इनके जीवन संघर्षों पर प्रकाश डाला। साथ ही साथ उन्होंने डॉ गिरधारी राम गौंझू गिरिराज को आधुनिक नागपुरी साहित्य का सर्वोत्तम गद्यकार, कथाकार बताया। डाॅ कुमारी बासंती ने इन चारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की और आरपी साहू, डाॅ भुनेश्वर अनुज, डॉ भुनेश्वर अनुज, डॉ गौंझू और आनंद राम महली को झारखंड का सच्चा सेवक बताया। डॉ.उमेश नंद तिवारी इन लोगों के जीवन और इनसे बिताए हुए पल को साझा किया। डॉ अनिल ठाकुर ने उन लोगों के साथ परिवारिक संबंध की चर्चा करते हुए कई अनुभव साझा किये। विभाग के शिक्षक मनोज कच्छप, मालती वागिशा लकड़ा, गोतिया पत्रिका के संपादक प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने भी इन लोगों के प्रति गहरा शोक प्रकट करते हुए अपनी यादें साझा की। शोकसभा का संचालन प्राध्यापक युगेश कुमार महतो ने किया।