डॉ गिरिधारी राम गौंझू एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्थान थे:इनलेस

♦Laharnews.com Correspondent♦

 रांची: इंकलाबी नौजवान लेखक संघ ने बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ गिरिधारी राम गौंझू के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। संघ अध्यक्ष सुनील मिंज और महासचिव डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने संयुक्त रुप से कहा कि यह झारखंड के आदिवासी व मूलवासियों के लिये बहुत बड़ी क्षति है। नागपुरी भाषा व साहित्य को एक नयी पहचान दिलाने में उनके अविस्मरणीय योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
डॉ गौंझू ने झारखंड के लोगों के सामाजिक व भाषायी और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समान रूप से काम किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान के सागर डॉ गौंझू सादगी पूर्ण व सरल जीवन जीने वाले व्यक्तित्व के स्वामी थे।
संघ के प्रवक्ता डॉ लालदीप गोप, दिनेश कुमार दिणमनी और पुष्कर महतो ने कहा कि डॉ गिरिधारी राम गौंझू एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्थान थे। साहित्य, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में उनका असाधारण योगदान रहा। कई बेहतरीन साहित्य की रचना कर समाज को एक नयी दिशा प्रदान की। झारखंड की भाषायी एकता के वह हमेशा पक्षधर रहे। उनके इस कार्य के लिये झारखंड का समाज हमेशा ऋणी रहेगा।

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