♦Laharnews.com Desk ♦
चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने शानदार सफलता हासिल की है, हालांकि बंगाल में वह सत्ता तक नहीं पहुंच सकी और इनसब के बीच ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की सत्ता में लगातार तीसरी बार वापसी की है। हालांकि ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम से चुनाव हार चुकी हैं। बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट का पूरी तरह सफाया हो गया है। नतीजों से भाजपा के शानदार प्रदर्शन और कांग्रेस के फ्लाप शो की तस्वीर साफ है। इन नतीजों ने मोटे तौर पर सत्ता विरोधी लहर को भी खारिज कर दिया। बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने, असम में भाजपा ने, पुडुचेरी में राजग ने और केरल में सत्ताधारी एलडीएफ ने वापसी की है। केवल तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन होता दिख रहा है। यहां अन्नाद्रमुक को हराकर स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक सत्ता में आ रही है।
बंगाल के चुनाव पर पूरे देश की निगाह टिकी थी। यहां तृणमूल ने सत्ता में वापसी तो कर ली है, लेकिन ममता अपनी सीट नहीं बचा पाई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में हरा दिया। भाजपा ने राज्य में अपना दम दिखाया है। 294 सीटों वाली विधानसभा में 2016 में तीन सीट पर जीतने वाली भाजपा इस बार 76 सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी का वोट प्रतिशत 10 से 38 पर पहुंच गया है। वहीं तृणमूल ने भी प्रदर्शन सुधारा है। पिछली बार 211 सीटें जीतने वाली तृणमूल के खाते में 214 सीटें आती दिख रही हैं। पार्टी का वोट प्रतिशत 44 से 48 पर पहुंच गया है। इस बार 292 सीटों पर मतदान हुआ है। कांग्रेस और वामदलों का बंगाल में खाता भी नहीं खुला है। असम में कांग्रेस का सपना टूटा
असम में भी कांग्रेस के लिए नतीजे अच्छे नहीं रहे। यहां सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर भाजपा को हराने की कांग्रेस की कोशिश रंग नहीं लाई। 126 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दल 75 सीटों पर जीत हासिल करते दिख रहे हैं। अकेले भाजपा 56 सीटें जीत रही है। उसकी सहयोगी अगप के खाते में 11 और यूपीपीएल के खाते में आठ सीटें आती दिख रही हैं।