ई-पास को अनिवार्य किये जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका

♦Laharnews.com Correspondent♦
  रांची : झारखंड में लाॅकडाउन ( स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह) के दौरान रविवार से बढ़ाई गई पाबंदियों के तहत शहर के अंदर भी वाहनों के परिचालन पर ई-पास को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। हाईकोर्ट से इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह भी किया गया है। प्रार्थी राजन कुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के जरिए उक्त याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने 16 से 27 मई तक शहर के अंदर भी वाहनों के परिचालन के लिए ई-पास को अनिवार्य किया है। सरकार ने पास बनाने के लिए लोगों से वजह पूछा है। मतलब लोगों को अपनी हर गतिविधि की जानकारी देनी होगी। सरकार का यह नियम निजता के अधिकारी का उल्लंघन भी है। याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान सरकार ने सिर्फ जरूरी सेवाएं ही जारी रखने का निर्णय लिया है।

जरूरी सेवा की दुकानें ही खोलने को कहा है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति बाहर निकलता है तो वह आवश्यक काम से ही निकलेगा। आपात स्थिति में यदि किसी को अचानक बाहर निकलना पड़े तो वह अपने दो पहिया वाहन तक का इस्तेमाल नहीं कर सकता, क्योंकि इसके लिए ई-पास की जरूरत होगी। ई-पास नहीं रहने पर लोगो को पुलिस की कार्रवाई का शिकार होना पड़ सकता है।

जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान लोगों की आवाजाही काफी कम है और बिना जरूरत के लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में ई-पास जारी किए जाने के लिए जो जानकारी मांगी जा रही है उससे निजता का हनन होने की भी पूरी संभावना है, क्योंकि ई-पास लेने के लिए हर गतिविधि की जानकारी साझा करनी होगी। इसके अलावा कई लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है,स्मार्ट फोन , कम्प्यूटर नहीं है खास कर ग्रामीणों के पास तो उन्हें ई-पास की अनिवार्यता से काफी परेशानी होगी।

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