♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: कोरोना को 39 दिनों तक पटखनी देने के बाद 40वें दिन उनकी जिंदगी मौत से जंग हार गयी। शिक्षक,समाजसेवी और सभी के चहेते सुनील कुमार महतो नहीं रहे। दो वर्ष पहले ही उनकी शादी हुई थी। पत्नी और एक वर्षीय पुत्र को वह अकेला छोड़ गये। कोरोना से उनकी लंबी लड़ाई चली। पहले निजी अस्पतालों में इलाज कराया, 11 लाख रुपये भी खर्च हुए और आज रिम्स में सांस की डोर टूट गयी। वह प्लस टू हाईस्कूल बचरा में सहायक शिक्षक थे।
पिछले कारीब 40 दिनों से कोविड-19 से जंग लड़ रहे थे। 28 अप्रैल-2021 को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उनकी चिकित्सीय जांच की गयी, जिसमें वह कोविड पाॅजिटिव पाये गये। आॅक्सीजन लेबल 70 पर था। तत्काल काफी मशक्कत के बाद कांके जेनरल हाॅस्पिटल में 29 अप्रैल को भर्ती कराया गया। 3 मई को अचानक आॅक्सीजन लेबल 22 पर आने के बाद आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया था। 10 दिनों तक कांके जेनरल हास्पिटल में इलाज के दौरान उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए डॉ शंभु प्रसाद सिंह ने मेडिका रेफर कर दिया। इसके बाद उन्हें मेडिका में भर्ती कराया गया, जहां वे पिछले 9 मई से 8 जून 2021 तक भर्ती थे। मेडिका में इनके ईलाज में 11 लाख रुपये खर्च हुए। पुनः उन्हें मेडिका से 8 जून को रिम्स रेफर किया गया, जहाँ आज सुबह 9.36 में उन्होंने अंतिम सांसे ली। उतार चढ़ाव के बीच पिछले 1 महीना 10 दिनों से वे इस महामारी से जुझ रहे थे। फिलहाल आॅक्सीजन सपोर्ट पर थे। परिवार में एकमात्र कमाने वाले यही थे। इनकी नियुक्ति सहायक शिक्षक के रूप में जून 2019 में हुई थी। परिवार वालों की स्थिति भी काफी दयनीय हो चुकी है। मूल रूप से डाल्टेनगंज के कोयरीपतरा निवासी सुनील कुमार महतो अपने पीछे पत्नी उषा किरण कुमारी और एक वर्षीय पुत्र को छोड़ गये हैं। दो वर्ष पूर्व ही इनका विवाह उषा किरण कुमारी के साथ सम्पन्न हुआ था। उनके निधन पर चतरा जिला शिक्षक संघ व प्लस टू हाई स्कूल बचरा के शिक्षकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा कि समाज ने एक योग्य शिक्षक को हमेशा के लिए खो दिया है।